आज ताजपोशी के साथ ही जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाएंगे. इसके साथ ही, आज से उनके आवास का ठिकाना भी बदल जाएगा. अब जो बाइडेन दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह कहे जाने वाली व्हाइट हाउस में रहेंगे. व्हाइट हाउस में रहना शायद हर अमेरिकी का सपना होता, और पूरी दुनिया के लोग इसके बारे में जानने को इच्छुक रहती है. आइए आज हम आपको बताते है व्हाइट हाउस के बारे में सबकुछ…
1792 में रखी गई थी व्हाइट हाउस की आधारशिला: दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के पहले राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन ने व्हाइट हाउस निर्माण कराने की सोची थी. उन्होंने ही इस जगह का चुनाव किया था. व्हाइट हाउस का डिजाइन आयरलैंड के जेम्स होबन ने तैयार किया था. इसका निर्माण 1792 से 1800 के बीच पूरा किया गया था. 1800 ई. में पहली बार इस इमारत में जॉन एडम अपनी पत्नी एबीगेल के साथ रहने यहां आए थे. बता दें, कि जार्ज वॉशिंगटन कभी राष्ट्रपति भवन में नहीं रहे.
प्रेसीडेंट्स पैलेस था पुराना नाम: व्हाइट हाउस 55 हजारवर्ग फीट में फैला हुआ है. जमीन ने इस इमारत की ऊंचाई 70 फीट है, जबकि चौड़ाई 170 फीट है. यह 18 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. व्हाइट हाउस से पहले पूरे इलाके में जंगल फैला हुआ था. यहां, पहाड़ी और जंगल के बीच गिनती के कुछ लोग ही रहते थे. अमेरिका की कांग्रेस ने पहली बार 1789 में नई राजधानी बनाने का फैसला किया. व्हाइट हाउस बनने से पहले इसका नाम प्रेसीडेंट्स पैलेस या प्रेसीडेंट मैंशन रखा गया था.
ब्रिटेन ने लगा दी थी आग : 1812 में ब्रिटेन से लड़ाई के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने वाशिंगटन पर कब्जा कर लिया था, कब्जे के बाद ब्रिटिश फौज ने इसमें आग लगा दी थी. जिसके बाद राष्ट्रपति जेम्स मरोन ने व्हाइट हाउस के फिर से बनाने का आदेश दिया था. जलने के निशान मिटाने और इमारत को फिर से आकर्षक बनाने के लिए इसे सफेद रंग से रंगा गया. इसके बाद से ही इसे व्हाइट हाउस कहा जाने लगा. जब राष्ट्रपति रूजवेल्ट सत्ता में आये तो उन्होंने आधिकारिक रूप से इसका नाम व्हाउस हाउस रख दिया.
ऐसा है व्हाइट हाउस : व्हाइट हाउस में 132 कमरे हैं. इसमें 35 बाथरूम हैं, पूरी इमारत में 412 दरवाजे लगे हैं, 147 खिड़कियां है, 8 सीढ़ियां के साथ तीन लिफ्ट भी लगे हैं. पूरी इमारत छह मंजिल की है. जिसमें दो बेसमेंट है. इस इमारत के अंदर, 140 मेहमान एक साथ ठहर सकते हैं. इमारत की दीवारों पर अमेरिका के अब तक के सभी राष्ट्रपतियों की पेंटिग्स लगी हुए हैं. यहां पर एक म्यूजियम भी है, जो अमेरिकी इतिहास की जानकारी देती है.
क्या टूट जाएगी परंपरा : मेरिका में यह परंपरा रही है कि निवर्तमान राष्ट्रपति नये राष्ट्रपति का व्हाइट हाउस में स्वागत करता है, और राष्ट्रपति की कुर्सी पर बिठाता है. अमेरिका में यही परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. इधर, डोनाल्ड ट्रंप आज व्हाइट हाउस से विदा लेंगे. लेकिन अमेरिकी मीडिया से जो खबरें आ रही है उसकी मानें तो ट्रंप और मेलानिया, जो बाइडेन और जिल बाइडेन का स्वागत नहीं करेंगे.
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Posted by: Pritish Sahay
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