अमेरिकी कोर्ट ने  ट्रंप को दिया बड़ा झटका,  ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर लगाया रोक

Liberation Day Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी आयातों पर लगाए गए 'लिबरेशन डे' टैरिफ पर कोर्ट द्वारा रोक लगाने का फैसला किया गया है. अमेरिकी कोर्ट ने इस टैरिफ को गैरकानूनी बताया है.

By Neha Kumari | May 29, 2025 9:23 AM
an image

Liberation Day Tariff: ट्रंप प्रशासन को एक बड़ा झटका देते हुए अमेरिका के मैनहैटन स्थित एक ‘संघीय अदालत’ ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए लिबरेशन डे टैरिफ पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने इस टैरिफ को गैरकानूनी बताया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी शक्तियों और अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया है. ट्रंप द्वारा ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ लगाने का फैसला अमेरिकी संविधान के विरुद्ध है.

‘लिबरेशन डे’ टैरिफ

‘लिबरेशन डे’ टैरिफ एक आयात शुल्क है, जिसे डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल 2025 को लगाया गया था. इसके तहत अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा उन देशों पर समान टैरिफ (आयात कर) लगाया गया है जो अमेरिका से कम समान खरीदते हैं, लेकिन अमेरिका को ज्यादा समान बेचते हैं. इस टैरिफ को लागू करने के पीछे ट्रंप प्रशासन का कथित उद्देश्य व्यापार असंतुलन को ठीक करना है. ट्रंप के इस फैसले को अमेरिका के व्यापारियों द्वारा कोर्ट में चुनौती दी, जिसकी सुनवाई करते हुए ‘कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड’ की तीन जजों की बेंच ने इस पर रोक लगा दिया.

कोर्ट ने क्या कहा?

जजों की बेंच ने कहा कि विदेशी देशों के साथ व्यापार को नियंत्रित करने का अधिकार अमेरिकी संविधान ने केवल अमेरिका के संसद यानी कांग्रेस को दिया है. राष्ट्रपति के पास इसका अधिकार नहीं दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन पावर अधिनियम(IEEPA) के तहत ट्रंप द्वारा जो टैरिफ लगाए गए थे, वह गैरकानूनी हैं. यह कानून उन्हें इस तरह का कोई भी असीमित अधिकार नहीं देता है. जजों ने फैसला सुनाते हुए अपने आदेश पत्र में लिखा कि ‘राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ लगाने का यह दावा, जिसकी कोई समय सीमा नहीं है, कानून के तहत दिए गए अधिकारों से कहीं आगे बढ़ गई है’.

कोर्ट ने यह साफ किया है कि टैरिफ लगाने का अधिकार केवल कांग्रेस को है. राष्ट्रपति को यह अधिकार केवल असाधारण आपातकाल की स्थिति में सीमित समय के लिए मिलता है. हालांकि कोर्ट के अनुसार ट्रंप के मामले में ऐसा कोई वैध आपातकाल की स्थिति नहीं थी.

ट्रंप प्रशासन की दलील

कोर्ट के इस फैसले पर ट्रंप ने दलील दी है कि 1971 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने भी आपातकाल के समय टैरिफ लगाया था, जिसे कोर्ट ने मंजूरी भी दी थी. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति द्वारा घोषित आपातकाल की वैधता तय करने का अधिकार कांग्रेस के पास है. कोर्ट इसकी वैधता तय नहीं कर सकता है. हालांकि कोर्ट ने ट्रंप के इस दलील को खारिज कर दिया है.

यह भी पढ़े: पटना में आज पीएम मोदी का पांच किलोमीटर लंबा रोड शो, BJP कार्यालय तक 25 संगठन करेंगे प्रधानमंत्री का स्वागत

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version