रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने मुइज्जू की पार्टी के कुछ सांसदों सहित कुल 40 सांसदों को रिश्वत देकर महाभियोग के लिए जरूरी समर्थन जुटाने का प्रयास किया. इसके अलावा, कुछ वरिष्ठ सैन्य और पुलिस अधिकारियों को भी रकम देने की योजना थी. इतना ही नहीं, तीन आपराधिक गैंग की मदद लेने का भी जिक्र किया गया है, ताकि राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से हटाया जा सके.
इस मामले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस तरह की किसी योजना से अनभिज्ञता जताई है और कहा है कि भारत ऐसी किसी साजिश का समर्थन कभी नहीं करेगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, द वॉशिंगटन पोस्ट को एक आंतरिक दस्तावेज “डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव” मिला है, जिसमें महाभियोग की साजिश से जुड़े विवरण हैं. इसमें बताया गया है कि मालदीव के विपक्षी नेताओं ने भारत से 87 मिलियन मालदीवियन रुपया (करीब 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की मदद मांगी थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े कुछ लोगों ने विपक्षी नेताओं के साथ इस योजना पर चर्चा की थी.
हालांकि, महीनों की बातचीत के बाद भी महाभियोग के लिए पर्याप्त समर्थन जुटाना संभव नहीं हो सका. यह स्पष्ट नहीं है कि इस योजना में भारत के किसी सरकारी अधिकारी की मंजूरी थी या नहीं. भारत सरकार ने अब तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.