खालिस्तानियों ने खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन पर बोला हमला: मारपीट और फोन छीना, पत्रकार बोले- ‘मैं कांप रहा हूं

Mocha Bezirgan Physically Assaulted: : वैंकूवर में खालिस्तानियों ने एक खोजी पत्रकार के साथ मारपीट की. फोन छीन लिए गए और शारीरिक से रूप से प्रताड़ित किया गया. कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने खालिस्तानी आतंकवादियों की क्रूरता और खौफनाक इरादों की पोल खोलकर रख दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में पत्रकार ने कई राज खोले.

By ArbindKumar Mishra | June 8, 2025 3:23 PM
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Mocha Bezirgan Physically Assaulted: शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने पर, कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन (Mocha Bezirgan) ने कहा, “यह सिर्फ 2 घंटे पहले हुआ था और मैं अभी भी कांप रहा हूं. मुझे कई खालिस्तानियों ने घेर लिया था, जो गुंडों की तरह व्यवहार कर रहे थे. उन्होंने मुझे धमकाया और मेरे साथ मारपीट की, और उन्होंने मेरे हाथ से मेरा फोन छीन लिया. यह एक ऐसे व्यक्ति ने किया, जो लंबे समय से ऑनलाइन मेरे खिलाफ अमानवीय भाषा का इस्तेमाल करके मुझे परेशान कर रहा था. मैं सिर्फ उस घटना की रिपोर्टिंग कर रहा था. जिसमें खालिस्तानी इंदिरा गांधी के हत्यारों सहित अपने तथाकथित शहीदों को सम्मानित करने के लिए एकत्र हुए थे. एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझसे सवाल पूछने लगा. वह मेरे चेहरे के बहुत करीब था. फिर, अचानक, 2-3 लोगों ने मुझे उसी तरह से घेर लिया, मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी. मैं अपने कैमरे से गुप्त रूप से रिकॉर्डिंग कर रहा था, क्योंकि मुझे लगा कि कुछ शारीरिक होने वाला है. मैंने अपने फोन से भी रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. जैसे ही मैंने रिकॉर्डिंग शुरू की, उन्होंने अपना चेहरा दूसरी ओर कर लिया, लेकिन यह एक व्यक्ति मेरी ओर बढ़ता रहा, और फिर आखिरकार वह एक पल के लिए उसने मेरा फोन मेरे हाथ से छीन लिया…मेरे पास और भी फुटेज हैं जिन्हें मैं अपने चैनल पर अपलोड करने वाला हूं. वह पूरी परेड के दौरान मेरा पीछा करता रहा…वह ट्रेन स्टेशन तक मेरे पीछे-पीछे आया, और इस तरह मैं उस इलाके से चला गया.”

खालिस्तानी उग्रवाद सिख फॉर जस्टिस द्वारा होता है संचालित

खालिस्तानी उग्रवाद के बारे में पूछे जाने पर, कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन ने बताया, “यह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा संचालित एक आंदोलन है. वे ही इसे संगठित कर रहे हैं, और अधिकांश समय, ये वही लोग होते हैं जो इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेते हैं, चाहे वह ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया, अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड में हो. वे भीड़ जुटाने के लिए स्थानीय गुरुद्वारों से लोगों को जुटाते हैं. मुझे लगता है कि हम अंडरग्राउंड हो रही घटनाओं को अनदेखा कर रहे हैं. ये लोग इंदिरा गांधी के हत्यारों का जश्न मनाते हुए अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग कर रहे हैं.

पीएम मोदी के जान को खतरा

खोजी पत्रकार ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया, G7 समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जान को खतरा है. खालिस्तानियों ने उन्हें घात लगाकर मार डालने का प्लान बनाया है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आप उनकी राजनीति को उसी तरह खत्म करने जा रहे हैं जैसे आपने इंदिरा गांधी की राजनीति को खत्म किया था? क्योंकि वे हत्यारों को अपने पूर्वज बताते हैं. वे कहते हैं कि हम इंदिरा गांधी के हत्यारों के वंशज हैं, और वे हिंसा के इन कृत्यों का महिमामंडन कर रहे हैं.”

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