Most Dangerous Earthquake: रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास समुद्र के नीचे मंगलवार को 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. इसका केंद्र पेत्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की से दक्षिण-पूर्व में स्थित था. भूकंप के बाद रूस के पूर्वी तट पर चार मीटर तक ऊंची लहरें उठीं. इसके चलते पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है.
जापान में 9 लाख से अधिक लोगों को खाली कराए गए तटीय इलाके
भूकंप का प्रभाव सीधे जापान तक महसूस किया गया है. देश के 130 से अधिक तटीय शहरों और कस्बों में करीब 9 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा गया. होक्काइडो और इशिनोमाकी में समुद्र में लहरें 30 से 40 सेंटीमीटर तक पहुंची. हालांकि पहले चेतावनी दी गई थी कि लहरें 3 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं. हवाई के ओहू द्वीप में प्रशासन ने तटीय इलाकों से लोगों को हटाया गया है. अमेरिका के कैलिफोर्निया, अलास्का, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया और मेक्सिको के कई क्षेत्रों में भी सुनामी वॉच जारी की गई. प्रशांत क्षेत्र के कई देशों की आपदा एजेंसियां इस भूकंप को लेकर अलर्ट पर हैं.
Most Dangerous Earthquake: 2004 की तबाही की यादें ताजा
इस घटना ने 2004 की विनाशकारी सुनामी की भयावह यादों को फिर से जीवंत कर दिया. 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास समुद्र में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे पैदा हुई सुनामी ने 14 देशों में तबाही मचाई थी और करीब 2.8 लाख लोगों की जान चली गई थी.जिसमें अकले भारत में करीब 16,000 हजार से ज्यादा लोगों कि मौत हुई थी.
भारत में भारी तबाही (Indian Ocean tsunami in Hindi)
भारत भी उस त्रासदी में बुरी तरह प्रभावित हुआ था. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में समुद्र ने कई किलोमीटर अंदर तक तबाही मचाई थी. नागापट्टिनम, कन्याकुमारी और कुड्डलोर जैसे तटीय शहरों में हजारों लोगों की मौत हुई और हजारों परिवार उजड़ गए थे. इंडोनेशिया के आचे प्रांत में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां अकेले दो लाख अससी हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. श्रीलंका, थाईलैंड, मालदीव और पूर्वी अफ्रीकी तटों पर भी सुनामी ने भीषण तबाही मचाई थी. कई जगहों पर लहरों की ऊंचाई 30 फीट तक पहुंच गई थीं.
🚨BREAKING: THIS IS THE WORLD’S BIGGEST EARTHQUAKE IN 14 YEARS
— HustleBitch (@HustleBitch_) July 30, 2025
The M8.7 quake off Russia’s coast just triggered tsunami alerts across the entire Pacific.
Hawaii, Japan, Alaska, West Coast, all on edge.
This isn’t just big. It’s historic. pic.twitter.com/9YcwusCOER
उस त्रासदी के बाद भारत समेत कई देशों ने आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया. भारत ने इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) की स्थापना की, जो समुद्री गतिविधियों की निगरानी करता है और सुनामी अलर्ट जारी करता है. साथ ही, भारत अब यूनेस्को के ‘Tsunami Ready’ कार्यक्रम में भी भाग लेता है, जिसमें स्थानीय स्तर पर ड्रिल और जनजागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. हालिया भूकंप और सुनामी चेतावनी से यह स्पष्ट होता है कि आपदाएं बिना चेतावनी के आ सकती हैं. हालांकि इस बार क्षति सीमित रही, लेकिन इससे यह सीख मिलती है कि सतर्कता, वैज्ञानिक तैयारी और समय पर चेतावनी प्रणाली ही जान और माल की रक्षा कर सकती है.
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