Bangladesh Crisis : मोहम्मद यूनुस देंगे इस्तीफा? बांग्लादेश में बवाल

Bangladesh Crisis : बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने धमकी दी है कि यदि पार्टियों ने उन्हें पूर्ण समर्थन नहीं दिया तो वह इस्तीफा दे देंगे. यह धमकी बीएनपी द्वारा एक दिन के विरोध प्रदर्शन और चुनावों के लिए स्पष्ट रोडमैप की मांग के बाद आई है.

By Amitabh Kumar | May 23, 2025 7:46 AM

Bangladesh Crisis :बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हताशा में इस्तीफा देने की धमकी दी है. यह धमकी गुरुवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों और एक दिन पहले सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान द्वारा दी गई कड़ी चेतावनी के बाद दी गई है. इस बीच छात्र नेता युवाओं और इस्लामवादियों को ढाका में विरोध प्रदर्शन करने और सेना छावनी तक मार्च करने के लिए लामबंद कर रहे हैं. सरकारी विभागों के सूत्रों और सोशल मीडिया पर पोस्ट के अनुसार शुक्रवार की नमाज के बाद बवाल हो सकता है.

मोहम्मद यूनुस ने चली चाल?

यूनुस के इस्तीफे को सेना प्रमुख के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चाल के रूप में देखा जा रहा है, जो चुनाव कराना चाहते हैं. चुनाव जब भी होंगे, बांग्लादेश के वास्तविक प्रधानमंत्री के रूप में यूनुस का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने से लेकर महिला सुधारों को रोकने के अलावा मुजीबुर रहमान के धनमंडी 32 स्थित आवास को नष्ट कर दिया गया. इसके बाद छात्रों और इस्लामवादियों की भीड़ ने बांग्लादेश में अपना रास्ता बना लिया है. हर मामले में, यूनुस ने योजना बनाने में भले ही कोई भूमिका न निभाई हो, लेकिन वह चुपचाप इसमें शामिल रहे.

नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन ने शेख हसीना विरोधी आंदोलन का रूप ले लिया था, जिसके कारण प्रधानमंत्री को 5 अगस्त, 2024 को ढाका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. वह अभी भारत में हैं.

क्यों दी मुहम्मद यूनुस ने इस्तीफे की धमकी?

पिछले वर्ष के आंदोलन के नेताओं में से एक और छात्रों द्वारा गठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने मामले पर रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि मुहम्मद यूनुस ने धमकी दी थी कि वह इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि वह वर्तमान राजनीतिक माहौल और विरोध प्रदर्शनों के बीच अपना काम जारी रखने में असमर्थ हैं.  नाहिद इस्लाम ने यूनुस के हवाले से कहा, “मुझे बंधक बनाया जा रहा है… मैं इस तरह काम नहीं कर सकता. क्या सभी राजनीतिक दल एक आम सहमति पर नहीं पहुंच सकते?”

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