PM Modi Maldives Visit : पर्यटक घटे तो मछली बेचकर पैसा कमाने लगा मालदीव

PM Modi Maldives Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे, जहां वे द्वीपीय देश के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. मोदी के दौरे के कारण मालदीव चर्चा में है. जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप की यात्रा पर गए थे. इस वक्त मालदीव के कुछ मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों ने दोनों देशों के संबंधों में खटास पैदा कर दी थी. इसके बाद पर्यटन पर निर्भर मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा. यही वजह रही कि उसने मत्स्य क्षेत्र पर फोकस किया. इस क्षेत्र में सरकारी सहयोग भी प्राप्त हो रहा है.

By Amitabh Kumar | July 25, 2025 12:08 PM
an image

PM Modi Maldives Visit : मालदीव ने 2025 के पहले चार महीनों में मछली निर्यात में 64.7% की वृद्धि दर्ज की है. मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (MMA) के अनुसार, यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से ताजी और जमी हुई मछलियों की बिक्री से हुई है. यह बात इस बात पर जोर देती है कि देश मत्स्य क्षेत्र को राष्ट्रीय आय के एक प्रमुख स्रोत के रूप में विकसित करने के प्रयास तेज कर रहा है. जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच मालदीव ने 31,000 मीट्रिक टन मछली का निर्यात किया, जो 2024 की समान अवधि के 19,000 मीट्रिक टन से काफी अधिक है. मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (MMA) की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ी वृद्धि जमी हुई और ताजी स्किपजैक टूना में देखी गई. इसका निर्यात 78% बढ़कर 28,000 मीट्रिक टन हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 15,000 मीट्रिक टन था.

प्रोसेस्ड टूना के निर्यात में भी 58% की वृद्धि

स्किपजैक टूना को छोड़कर अन्य जमी हुई और ताजी मछलियों के निर्यात में भी वृद्धि देखने को मिली. इनका निर्यात 229 मीट्रिक टन तक पहुंचा, जो पिछले साल के 163 मीट्रिक टन की तुलना में 40% अधिक है. प्रोसेस्ड टूना के निर्यात में भी 58% की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर 532 मीट्रिक टन हो गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय मांग की मजबूती स्पष्ट होती है. हालांकि अधिकांश श्रेणियों में निर्यात में वृद्धि हुई, लेकिन डिब्बाबंद और पैक्ड मछली के निर्यात में गिरावट आई है. इसका निर्यात घटकर 2,127 मीट्रिक टन रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2,556 मीट्रिक टन था.

यह भी पढ़ें : Watch Video: मालदीव पहुंचे पीएम मोदी, भारत माता की जय नारों से हुआ जोरदार स्वागत

समुद्री उत्पाद बाजार में मालदीव ऐसे होगा मजबूत

सरकार ने मत्स्य क्षेत्र को राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत बनाने की दिशा में विकास योजनाएं तैयार की हैं. इस क्षेत्र से जुड़ी पुरानी चुनौतियों को दूर करना और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने पर सरकार का मुख्य फोकस है. मत्स्य क्षेत्र को आगे बढ़ाने के प्रयासों में हुलहुमाले में स्थापित हो रहा एक नया मछली डिब्बाबंदी संयंत्र है, जिसका नेतृत्व मालदीव इंडस्ट्रियल फिशरीज कंपनी (MIFCO) कर रही है. यह परियोजना इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक (IsDB) द्वारा मालदीव सरकार के सहयोग से दिए गए 65 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज से तैयार किया जा रहा है. संयंत्र का उद्देश्य प्रोसेसिग क्षमता बढ़ाना और औद्योगिक उत्पादन को सशक्त बनाना है. यह संयंत्र प्रतिदिन 35 मीट्रिक टन मछली की डिब्बाबंदी कर सकेगा. इससे वैश्विक समुद्री उत्पाद बाजार में मालदीव की स्थिति और मजबूत होगी.

भारत और मालदीव के बीच के रिश्तों में आई थी खटास

जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों से भारत-मालदीव संबंधों में तनाव आ गया. भारत में “बॉयकॉट मालदीव” अभियान सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा, जिससे पर्यटन पर निर्भर मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा. इसी दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन की यात्रा की और लौटकर भारत का नाम लिए बिना कड़ी टिप्पणी की. मार्च 2024 में उन्होंने घोषणा की कि 10 मई के बाद मालदीव में कोई भारतीय सैनिक, भले ही सिविलियन वेश में हो, नहीं रहेगा. भारत ने इस समयसीमा का सम्मान करते हुए अपने सभी सैन्यकर्मी वापस बुला लिये.

भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई थी कमी

2023 में मालदीव में 2 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, लेकिन 2024 में भारत-मालदीव संबंधों में खटास और बॉयकॉट अभियान के चलते यह संख्या घटकर 1.30 लाख रह गई. भारतीय पर्यटक यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और दिल खोलकर खर्च करते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version