मई में कराची बंदरगाह पर पहुंच सकता है रूसी कार्गो
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब सवा साल से यूक्रेन के साथ युद्ध कर रहे रूस पश्चिमी देशों को अपना तेल नहीं बेच पा रहा है. ऐसे में, ऐतिहासिक आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान ने बहती गंगा में हाथ धोते हुए रूस से सस्ता तेल खरीदने का सौदा कर लिया, क्योंकि उसके यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. एजेंसी की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मई में कराची बंदरगाह पर रूसी तेल का एक कार्गो डॉक कर सकता है. इससे पहले संकटग्रस्त पाकिस्तान को रूस से गेहूं की अहम मदद भी मिल चुकी है, लेकिन बदले में वह यूक्रेन को गोला-बारूद भेज रहा है.
खाड़ी देशों को झटका देने की फिराक में पाकिस्तान
अंग्रेजी के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, पाकिस्तान ने 2022 में प्रति दिन 1,54,000 बैरल तेल का आयात किया था. इस दौरान सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की ओर से तेल की सप्लाई की गई थी. अब चूंकि, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से पाकिस्तान के संबंध अच्छे नहीं रहे, तो वह सस्ते तेल के लिए रूस की ओर रुख किया है. ट्रिब्यून की खबर में कहा गया है कि रूसी कच्चे तेल की सप्लाई प्रति दिन 1,00,000 बैरल तक पहुंच जाती है, तो पाकिस्तान के खाड़ी देशों के आपूर्तिकर्ताओं के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका होगा.
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समुंदर के रास्ते यूक्रेन को भेज रहा हथियार
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रूस से सस्ता तेल और गेहूं खरीदने वाला पाकिस्तान युद्धरत रूस को उसके दुश्मन देश यूक्रेन का हाथ मजबूत करने में जुटा है. एक ओर वह रूस से तेल और गेहूं खरीद रहा है, तो वहीं यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहा है. अंग्रेजी के अखबार द संडे गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान यूक्रेन को भारी मात्रा में गोला-बारूद की सप्लाई कर रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान समुंदर के रास्ते कम से कम 170 कंटेनर यूक्रेन भेज चुका है.