Pakistan Donkey: चीन के लिए गधे पाल रहा पाकिस्तान, लेकिन क्यों? जानकर नहीं होगा भरोसा!

Pakistan Donkey: चीन की अपनी गधों की आबादी 1990 में 5.6 करोड़ थी, जो अब घटकर महज 86 लाख रह गई है.

By Aman Kumar Pandey | June 5, 2025 11:58 AM
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Pakistan Donkey: पाकिस्तान में गधों की आबादी में बीते एक साल में जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश में गधों की कुल संख्या अब 60 लाख 47 हजार हो चुकी है, जो 2024 में 59.38 लाख थी. यानी गधों की संख्या में करीब 1.09 लाख का इजाफा हुआ है.

विशेषज्ञों का कहना है कि गधों की इस बढ़ोतरी के पीछे चीन में उनकी खाल की बढ़ती मांग एक बड़ा कारण है. चीन की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में ‘ई-जियाओ’ नामक औषधीय जिलेटिन तैयार किया जाता है, जिसमें गधों की खाल का उपयोग होता है. इस औषधि की मांग चीन समेत कई देशों में बढ़ रही है, जिससे गधों की अंतरराष्ट्रीय कीमत और उपयोग दोनों बढ़ गए हैं.

पशुधन की कुल आबादी में भी भारी इजाफा (Pakistan Donkey)

गधों के अलावा पाकिस्तान में (Pakistan Donkey Slaughterhouse) अन्य पशुओं की संख्या में भी इजाफा दर्ज किया गया है. भैंसों की संख्या 13.8 लाख बढ़कर अब 4.76 करोड़, बकरियों की संख्या 23.5 लाख की वृद्धि के साथ 8.94 करोड़, भेड़ों की संख्या 3.88 लाख की बढ़त के साथ 3.31 करोड़, ऊंटों की संख्या 14 हजार की बढ़ोतरी के साथ 11.77 लाख, घोड़ों की संख्या 1 हजार की बढ़त के साथ 3.83 लाख और खच्चरों की संख्या 3 हजार की वृद्धि के साथ 2.27 लाख हो गई है. कुल मिलाकर देश में पशुधन की कुल आबादी 575.4 मिलियन से बढ़कर 597.11 मिलियन हो गई है.

चीन पर निर्भर हो रहा है डंकी ट्रेड (China Donkey Skin Trade)

गधों की खाल की बढ़ती मांग को देखते हुए पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर ग्वादर में पहला विशेष गधा वध केंद्र (डंकी स्लॉटरहाउस) स्थापित किया है. इसे चीन की हांगेंग ट्रेड कंपनी चला रही है. इस बूचड़खाने का उद्देश्य चीन में खाल, मांस और हड्डियों की मांग को पूरा करना है. इसके अलावा पाकिस्तान और चीन के बीच गधों की खाल और हड्डियों के निर्यात के लिए एक आधिकारिक समझौता भी हुआ है.

यह कदम पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा अर्जन का एक जरिया बन सकता है. सरकार का दावा है कि इसका स्थानीय बाजार पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन पशु अधिकार संगठनों की राय इससे इतर है.

गधों की कटाई पर उठे सवाल (Pakistan Donkey Slaughterhouse)

ब्रिटेन स्थित पशु कल्याण संस्था ‘द डंकी सैंक्चुअरी’ की रिपोर्ट के अनुसार, ई-जियाओ उद्योग को हर साल लगभग 59 लाख गधों की खाल की जरूरत होती है. 1990 में चीन की अपनी गधों की आबादी 5.6 करोड़ थी, जो अब घटकर सिर्फ 86 लाख रह गई है. इसी कारण अब चीन पाकिस्तान, अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों पर निर्भर हो गया है.

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पशु संरक्षण संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह गधों की अंधाधुंध कटाई जारी रही, तो आने वाले वर्षों में वैश्विक गधा आबादी संकट में आ सकती है. उनका कहना है कि इस व्यापार पर सख्त नियंत्रण और निगरानी जरूरी है, ताकि पारिस्थितिक संतुलन बना रहे और पशु कल्याण प्रभावित न हो. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान गधों से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर आर्थिक लाभ और पर्यावरणीय संतुलन के बीच किस तरह का रास्ता अपनाता है.

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