रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से मौजूदा सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा के इस साल नवंबर के अंत तक सेवानिवृत्त होने के बाद अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा, ‘संभव है कि नये सेना प्रमुख की नियुक्ति से पहले चुनाव हो जाएं. संभव है कि नवंबर से पहले कार्यवाहक सरकार की जगह नयी सरकार आ जाये.’
संसद भंग होने के बाद 90 दिन के लिए बनती है कार्यवाहक सरकार
पाकिस्तान के संविधान के अनुसार, संसद भंग होने के बाद चुनाव कराने के लिए अधिकतम 90 दिनों की अवधि के लिए एक कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाता है. मौजूदा नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगले साल अगस्त में पूरा होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार मौजूदा सेना प्रमुख बाजवा की सेवा का विस्तार करेगी, आसिफ ने कहा कि बाजवा पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह नहीं चाहते कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जाये.
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2019 में दूसरी बार बढ़ा था बाजवा काकार्यकाल
गौरतलब है कि बाजवा का कार्यकाल पहले ही वर्ष 2019 में दूसरी बार तीन साल के लिए बढ़ाया गया था. उन्होंने कहा, ‘घोषणा (बाजवा की) अच्छी है, क्योंकि इससे अटकलों की गुंजाइश खत्म हो जायेगी.’ उन्होंने कहा कि बाजवा के पूर्ववर्ती जनरल राहील शरीफ ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनकी सेवा में विस्तार के लिए नहीं कहा था.
चुनाव कराने के लिए दबाव बना रहे इमरान खान
आसिफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की भी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह एक सेना प्रमुख नियुक्त करना चाहते हैं, जो उनके राजनीतिक हितों की भी देखभाल करे और यह सुनिश्चित करे कि वह सत्ता में बने रहें. आसिफ की घोषणा कि चुनाव समय से पहले संभव हैं, ऐसे समय आयी है, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार पर चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए बड़ी रैलियां कर रहे हैं.
20 मई के बाद मार्च निकालेंगे इमरान खान
उन्होंने 20 मई के बाद इस्लामाबाद की ओर मार्च निकालने की भी धमकी दी है. इमरान खान को 9 अप्रैल को अविश्वास मत के माध्यम से पद से हटा दिया गया था. रक्षा मंत्री ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित पीएमएल-एन के नेताओं की लंदन में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान की है. कहा जा रहा है कि जिन मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें जल्द चुनाव कराना भी शामिल है.