2900 का LPG गैस, 1200 रुपए किलो मांस, टमाटर, प्याज, केला सब महंगा, देखें लिस्ट

Pakistan Inflation: पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है. एलपीजी, मीट, टमाटर और प्याज जैसी जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. रमजान के बाद भी कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई, जिससे आम जनता परेशान है. सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं और लोग महंगाई से जूझ रहे हैं.

By Aman Kumar Pandey | April 3, 2025 1:57 PM
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Pakistan Inflation: पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है, जिससे दुकानदार और ग्राहक दोनों परेशान हैं. रमजान खत्म होने के बावजूद खाद्य पदार्थों की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है. जरूरी वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे आम जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि (Pakistan Inflation)

मुर्गे का बिना हड्डी वाला गोश्त अब 1200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. टमाटर के दाम भी 60 रुपये से बढ़कर 180 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. चीनी भी सरकारी दर से महंगी बिक रही है और इसका दाम 170 से बढ़कर 180 रुपये प्रति किलो हो गया है.

अन्य वस्तुओं के दाम भी तेजी से बढ़े (LPG Meat Onion Tomato Price )

जिंदा मुर्गी – 490 रुपये प्रति किलो

प्याज – 40 से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो

अचार की मिर्च – 110 से 200 रुपये प्रति किलो

सेब – 400 रुपये प्रति किलो

केला – 200 रुपये प्रति दर्जन

नींबू – भारी कीमत वृद्धि

पाकिस्तान में रमजान के दौरान नॉनवेज की कीमतों में उछाल (Pakistan News)

रमजान शुरू होते ही कराची में ब्रायलर चिकन की कीमत में 120 से 150 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई. इससे इसकी कीमत 720 से 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी.

पाकिस्तान में एलपीजी के दाम भी बढ़े (LPG Price in Pakistan)

तेल, गैस और नियामक प्राधिकरण (ओजीआरए) की अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल से एलपीजी की कीमत 248.37 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है. घरेलू 11.8 किलोग्राम का सिलेंडर 6.40 रुपये महंगा होकर 2,930.71 रुपये का हो गया है.

पाकिस्तान सरकार के प्रयास और उनकी नाकामी

चिकन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने इसकी दर तय की है, लेकिन इसका कोई असर बाजार में नहीं दिख रहा है. फुटकर दुकानदार सरकारी आदेशों को नजरअंदाज कर चिकन ऊंची कीमतों पर बेच रहे हैं. रमजान के दौरान चिकन की मांग में 40% की वृद्धि हुई थी, जिससे इसकी कीमतें और बढ़ गईं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई पर कोई असर नहीं पड़ा है, जिससे जनता पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है.

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