वीडियो में दिखाया गया है कि कई ग्रामीण, जिनमें मासूम बच्चे भी शामिल हैं, अस्पताल के बिस्तरों पर लेटे हुए हैं और उनके पेट पर पट्टियां बंधी हुई हैं. दावा किया जा रहा है कि इन लोगों की किडनी इलाज के नाम पर निकाल ली गई है. खास बात यह है कि ऑपरेशन के बाद जब मरीजों को होश आया, तब उन्हें पता चला कि उनका अंग निकाला जा चुका है.
स्थानीय मीडिया और पत्रकारों के मुताबिक, यह पूरा मामला एक संगठित गिरोह से जुड़ा हो सकता है जो सस्ते इलाज का लालच देकर गरीब ग्रामीणों को निशाना बना रहा है. हालांकि, अभी तक स्थानीय प्रशासन या पंजाब सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में भारी गुस्सा देखा जा रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान में इंसानी जान की कोई कीमत नहीं रह गई है? क्या यह देश अब पूरी तरह से नैतिक पतन का शिकार हो चुका है?
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वहीं, जब लोगों ने इस वायरल खबर की पुष्टि के लिए ग्रोक जैसे एआई टूल की मदद ली, तो जवाब मिला कि फिलहाल इन दावों की पुष्टि नहीं की जा सकती, लेकिन यह जरूर कहा गया कि पाकिस्तान में अंग तस्करी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है. इस पूरे मामले ने पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था, प्रशासनिक जिम्मेदारी और सामाजिक संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यदि यह आरोप सच साबित होते हैं तो यह मामला न सिर्फ अपराध है, बल्कि मानवाधिकारों का भी घोर उल्लंघन होगा.
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