पानी की बूंद-बूंद के लिए बौखलाया पाकिस्तान, PM शहबाज शरीफ ने दी चेतावनी

Pakistan PM Reaction: सिंधु नदी समझौता संधि के रद्द होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि उनके खिलाफ उठाए गए हर एक कदम का जवाब दिया जाएगा.

By Neha Kumari | April 26, 2025 1:10 PM
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Pakistan PM Reaction: पहलगाम में हुए हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ की गई सिंधु नदी संधि को रद्द कर दिया है, जिसे लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान में आने वाले पानी को मोड़ने और कम करने की कोशिश करने वालों को जोरदार तरीके से जवाब दिया जाएगा.

‘हमारे खिलाफ उठाए गए हर कदम का जवाब दिया जाएगा’- शहबाज शरीफ

शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए हर एक कदम का जवाब वह देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. कोई भी इस गलतफहमी में न रहे कि हम जवाब नहीं देंगे. हमारे देश में 240 मिलियन लोगों का घर है. हमारे सामने हमारी सुरक्षा के लिए बहादुर सशस्त्र बल हैं. यह संदेश सभी के लिए साफ हो जाना चाहिए. शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि भले ही शांति हमारे देश की प्राथमिकता है, लेकिन हम अपनी अखंडता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करने वाले हैं.

पाकिस्तान के नेता का सिंधु नदी को लेकर विवादित बयान

शहबाज शरीफ के बयान से पहले पाकिस्तान के एक नेता बिलावल भुट्टो ने सिंधु नदी के पास सखर में एक जनसंबोधन किया था. इस जनसंबोधन में उन्होंने सिंधु नदी का मुद्दा उठाया. भुट्टो ने कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि सिंधु नदी हमारी है. इस पर हमारा हक है. इस नदी में यह तो अब पानी बहेगा या तो उन लोगों का खून जो इस नदी में हमारी हिस्सेदारी खत्म करना चाहते हैं.

सिंधु नदी समझौता किया है?

सिंधु जल संधि को इंडस वाटर ट्रीटी भी कहा जाता है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक छह नदियों के जल के बंटवारे का समझौता है, जो कि 19 सितंबर 1960 को हुआ था. 1947 में आजादी मिलने के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों में ही पानी के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया था. ये सभी नदियां सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलज भारत और पाकिस्तान में बहती हैं. पाकिस्तान का आरोप था कि भारत इन नदियों पर बांध बनाकर पानी का दोहन करता है, जिससे उसके इलाके में पानी कम आता है और वहां सूखा जैसी स्थिति बनी रहती है.

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