तालिबान की परछाईं में कांपता पाकिस्तान, अब टूटेगी उसकी हेकड़ी!

Pakistan Trembles shadow of Taliban: पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा रही है. अपने देश में आतंकवादियों को पालने-पोसने के बाद, अब आतंकवादी उसी के देश में फल-फूल रहे हैं. क्या पाकिस्तान अपने बढ़ते खतरे से बच पाएगा?

By Govind Jee | July 18, 2025 7:06 PM
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Pakistan Trembles shadow of Taliban: पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां लगातार अफगान सीमा से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं. 17 जुलाई को पांच आत्मघाती हमलावरों को पकड़ा गया है. ऐसे घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो पाकिस्तान की कमजोर और बेबुनियाद सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करती हैं. गिरफ्तार किए गए सभी अफगान नागरिक हैं, जिनमें से तीन के पास अफगान पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं.

Pakistan Trembles shadow of Taliban: बेहद कमजोर और असंगठित सुरक्षा तंत्र

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां और सेना अफगानिस्तान से सीमापार आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल हैं. सीमाओं पर निगरानी इतनी ढीली है कि आतंकी आसानी से पाकिस्तान के भीतर प्रवेश कर लेते हैं. नतीजतन, आतंकियों ने मस्जिदों और अन्य पब्लिक जगहों को अपना अड्डा बना लिया है, जिससे आम जनता को भी खतरा बढ़ गया है. पाकिस्तान ने खुद का बचाओ करने के लिए जियो न्यूज के द्वारा बताया है कि ये भारतीय समर्थक है जिसका नाम है ‘फितना अल खवारिज’, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से भी जाना जाता है.

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कम उम्र के आतंकवादी और बढ़ती आतंकी घटनाएं

सम्मा टीवी के अनुसार पकड़े गए आतंकियों की उम्र केवल 15 से 18 साल के बीच थी, जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को भर्ती करने और उन्हें प्रशिक्षित करने का काम भी बुरी तरह चल रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हमले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर कमी और असफलता सामने आती है.

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सुरक्षा बलों पर हमले और नागरिकों की मौत बढ़ी (Pakistan Trembles shadow of Taliban)

PICSS की रिपोर्ट बताती है कि मई 2025 में पाकिस्तान में 85 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें 113 लोग मारे गए. सुरक्षा बलों पर हमलों में 73% की वृद्धि हुई है, जो सीधे तौर पर सुरक्षा एजेंसियों की विफलता को दर्शाता है. नागरिकों के घायल होने के मामले भी बढ़े हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के भीतर कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. हाल ही में एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला हुआ था, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी. इससे साफ पता चलता है कि आतंकवाद को पालने वाला देश खुद इसका सामना कर रहा है.

पाकिस्तान की सुरक्षा तंत्र अब पूरी तरह टूट चुकी है. अफगान सीमा पर नियंत्रण के अभाव, सीमाओं की निगरानी में कमजोरी और आतंकवाद के फैलाव को रोकने में सरकार की असफलता ने देश को एक अस्थिर और खतरनाक स्थिति में धकेल दिया है. अगर इस स्थिति को तुरंत नहीं सुधारा गया तो पाकिस्तान में आतंक को पालने वाले देश में  और भी  हिंसा की लहर भयंकर होगी.

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