Imran Khan: जेल से बाहर आएंगे इमरान खान? रिहाई के लिए कोर्ट में याचिका दायर

Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. याचिका में उनकी सेहत पर पड़ रहे असर और सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए उन्हें पैरोल पर रिहा करने की मांग की गई है.

By Aman Kumar Pandey | May 9, 2025 4:52 PM
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Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई. याचिका में यह दावा किया गया है कि इमरान खान की लंबी जेल अवधि के कारण उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के चलते उनकी जान को भी खतरा हो सकता है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने एक व्हाट्सएप संदेश के जरिए जानकारी दी कि खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने इस याचिका को दायर किया है, जिसमें इमरान खान की तत्काल रिहाई की मांग की गई है.

इमरान खान (72) को 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अदियाला जेल में कई मामलों में हिरासत में रखा गया है. याचिका में यह कहा गया है कि इमरान खान की रिहाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है. इस याचिका में यह तर्क दिया गया है कि भारत के साथ मौजूदा सैन्य स्थिति को देखते हुए, इमरान खान की सुरक्षा खतरे में है. इसके अलावा, अदियाला जेल में उनके खिलाफ संभावित ड्रोन हमले का भी खतरा बताया गया है. इस कारण से याचिका में उन्हें पैरोल या परीवीक्षा पर रिहा करने की मांग की गई है.

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अली अमीन गंदापुर ने अदालत के सामने यह तर्क रखा कि इमरान खान की रिहाई से राष्ट्रीय सद्भाव और एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान मुस्लिम उम्मा (समुदाय) के नेता हैं और उनकी रिहाई से देश में न्याय और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो सकता है. गंदापुर ने कहा कि खान को राजनीतिक आधार पर लंबी हिरासत में रखा जा रहा है, जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने संविधान में पेरोल पर रिहाई की व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि यह विकल्प खान की स्थिति को देखते हुए लागू किया जाना चाहिए.

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इमरान खान ने जेल में रहते हुए कोई नियम नहीं तोड़ा है, और उनके स्वास्थ्य पर लगातार असर पड़ने की संभावना को देखते हुए, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. हालांकि, अदालत ने इस याचिका की सुनवाई के लिए अभी तक कोई तारीख तय नहीं की है.

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