Drone Deals: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर विचार-विमर्श किया गया. मोदी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं, और राष्ट्रपति बाइडेन ने उन्हें अपने डेलावेयर स्थित आवास पर गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं ने आपसी समझ और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.
बैठक में भारत और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें रक्षा सहयोग प्रमुख रहा. इसमें 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी ड्रोन (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन) की खरीद का समझौता शामिल है. इससे भारत की सशस्त्र सेनाओं की खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी. अमेरिकी सरकार ने इस सौदे को 3.99 अरब डॉलर की कीमत पर मंजूरी दी है. इसमें भारतीय नौसेना के लिए 15 सी गार्डियन और भारतीय वायुसेना एवं सेना के लिए 8 स्काई गार्डियन ड्रोन शामिल हैं.
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MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की प्रमुख विशेषताएं इसे अन्य ड्रोनों से अलग बनाती हैं. यह ड्रोन बेहद खामोशी से काम करता है, जिससे इसे दुश्मन पर नजर रखते समय पकड़ा जाना मुश्किल होता है. यह ड्रोन जमीन से 250 मीटर ऊपर उड़ सकता है और दुश्मन को इसकी भनक भी नहीं लगती.
जानिए क्या है इस ड्रोन की खासियत
MQ-9B ड्रोन 50,000 फीट की ऊंचाई तक, जो कि एक कमर्शियल फ्लाइट से भी अधिक है, उड़ सकता है और इसकी अधिकतम गति 442 किलोमीटर प्रति घंटा है.
इस ड्रोन की एक और खासियत यह है कि इसे किसी भी मौसम में लंबे समय तक मिशन पर तैनात किया जा सकता है. यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जा सकता है.
यह ड्रोन लगभग 1,700 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है, जिसमें चार मिसाइल और 450 किलोग्राम के बम शामिल हैं. एक बार ईंधन भरने के बाद यह 2,000 मील की दूरी तक यात्रा कर सकता है.
जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स के अनुसार, MQ-9B ड्रोन 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरने या लक्ष्य के ऊपर मंडराने की क्षमता रखता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान के लिए एमआरओ (मरम्मत, रखरखाव और संचालन) सुविधा स्थापित करने के उद्देश्य से लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के बीच हुए समझौते पर चर्चा की. यह समझौता न केवल भारतीय वायुसेना के बेड़े की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि वैश्विक ऑपरेटरों की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा.
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इसके अलावा, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) पहल के तहत बढ़ते रक्षा सहयोग की सराहना की, जो 2023 में शुरू हुआ था. उन्होंने सिलिकॉन वैली में आयोजित तीसरे INDUS-X शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति पर भी चर्चा की. मोदी और बाइडेन ने राजस्थान में चल रहे द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास के दौरान नई तकनीकों और क्षमताओं को शामिल करने की भी तारीफ की, जिसमें भारत में जैवलिन और स्ट्राइकर सिस्टम्स का पहला प्रदर्शन किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोलकाता में एक नए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट की स्थापना पर चर्चा की. व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, इस प्लांट का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार, और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत सेंसिंग, संचार और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान केंद्रित करना है. यह प्लांट इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, भारत सेमी, थर्ड आई टेक, और अमेरिकी अंतरिक्ष बल की साझेदारी के तहत बनेगा.
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बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अमेरिकी समर्थन की भी पुष्टि की. उन्होंने पीएम मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्राओं और यूक्रेन के प्रति शांति संदेश के लिए उनकी सराहना की, साथ ही मोदी के मानवतावादी प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय कानून के महत्व को भी सराहा. ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में, मोदी और बाइडेन ने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाने के लिए यूएस-इंडिया रोडमैप की सराहना की. इस पहल के तहत दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, पावर ग्रिड और ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजीज, उच्च दक्षता वाली शीतलन प्रणालियों और शून्य उत्सर्जन वाहनों पर काम करेंगे.
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