प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स में नए सदस्यों के शामिल होने से इसका विस्तार हुआ है, जिससे वैश्विक हितों के लिए इसका समावेश और एजेंडा और भी व्यापक हुआ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी. रूस द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया में बिगड़ते हालात के बीच, गैर-पश्चिमी देशों के अपने प्रभाव को प्रदर्शित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन करेंगे. यह जोहानिसबर्ग में पिछले साल हुए सम्मेलन के बाद समूह का पहला शिखर बैठक होगा.
यात्रा से पहले मोदी ने कहा, “भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को महत्व देता है, जो वैश्विक विकास एजेंडा, बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण, सांस्कृतिक और जनसंपर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा के लिए एक अहम मंच बन गया है.”