भारत-घाना साझेदारी रणनीतिक व आर्थिक सहयोग की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और घाना ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा, “भारत घाना की विकास यात्रा में न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है.” घाना की राजधानी अक्रा पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बैठक हुई, जिसमें संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, व्यापार और निवेश जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई और चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
चीन को चुनौती रेयर अर्थ मिनरल्स डील का बड़ा संदेश
रेयर अर्थ मिनरल्स पर अब तक चीन का लगभग एकाधिकार रहा है, जो भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और रक्षा क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. लेकिन अब भारत और घाना के बीच हुआ यह करार चीन के प्रभुत्व को चुनौती देने की दिशा में निर्णायक कदम है. इस समझौते के तहत भारत को घाना से स्थायी और भरोसेमंद स्रोत मिलेगा, जिससे रणनीतिक औद्योगिक उत्पादन को मजबूती मिलेगी और चीन पर निर्भरता कम होगी.
आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प
बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। घाना के सहयोग के लिए भारत आभार व्यक्त करता है.”उन्होंने यह भी कहा कि भारत और घाना वैश्विक शांति और स्थिरता के पक्षधर हैं और सुरक्षा सहयोग को भी नई दिशा देंगे.