11 दिसम्बर 1998 को 20 वर्षीय रुआंगसाक लोयचुसाक ने मौत को धोखा दिया जब थाई एयरवेज की उड़ान टीजी261 दक्षिणी थाईलैंड में उतरने का प्रयास करते समय रुक गई और दलदल में जा गिरी, जिससे विमान में सवार 146 लोगों में से 101 की मौत हो गई.
थाईलैंड के अभिनेता ने क्या कुछ कहा
रुआंगसाक (अब 47 वर्ष के) ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि विश्वाश कुमार रमेश, एक ब्रिटिश नागरिक जो एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गया था. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के समय 11ए में बैठा था तो उनके रोंगटे खड़े हो गए.
रुआंगसाक ने बताया कि उनके पास 1998 का बोर्डिंग पास नहीं है, लेकिन समाचार पत्रों में उनके सीट नंबर और जीवित होने के बारे में जानकारी दी गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने एक दशक तक फिर से उड़ान नहीं भरी.
रमेश विश्वास ने मीडियो को बताई पूरी कहानी
सीट 11A पर हुए चमत्कार ने लोगों को चौंका दिया और वैश्विक स्तर पर इस पर आकर्षण पैदा कर दिया. आपातकालीन निकास द्वार पर बैठे रमेश विमान से उछलकर बाहर आ गए और कई चोटों के बावजूद मलबे से निकलकर प्रतीक्षा कर रही एम्बुलेंस में जा बैठे. अस्पताल से बात करते हुए रमेश ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि जब विमान में सवार सभी लोग मारे गए तो वह कैसे बच गए.
उन्होंने डीडी न्यूज को बताया, “कुछ समय के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं. लेकिन जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं जीवित हूं और मैंने सीट से बेल्ट खोलकर जहां भी संभव हो भागने की कोशिश की.”