शशि थरूर ने कहा, “यह मेरी जगह नहीं है, क्योंकि मुझे एक भारतीय राजनेता के रूप में बोलना होता है. इसलिए मुझे विदेशी राजनेताओं पर, खासकर उनकी जमीन पर, टिप्पणी करने से बचना चाहिए. फिर भी, यह एक तथ्य है कि हर व्यक्ति की अपनी राजनीतिक रुचि होती है. मेरी निजी तौर पर कोई राजनीतिक रुचि नहीं है. मैं यहां (अमेरिका में) कर नहीं देता, न ही मैं यहां का नागरिक बनना चाहता हूं, जबकि मेरे पास ऐसा करने का अधिकार था. इसलिए, मैं अमेरिका की प्रवासी या कर नीति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. ये दोनों विषय नीति-निर्धारण से जुड़े हैं, और हर किसी की इन पर अपनी राय हो सकती है.”
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शशि थरूर आगे कहते हैं, “लेकिन, किसी व्यक्ति का आचरण मुझे प्रभावित करता है. एक अमेरिकी नेता का व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे आप सहमत हो सकें, या कम से कम प्रभावित हो सकें. मुझे चार–पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मिलने का अवसर मिला, जब मैं संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था. मेरी मुलाकात जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा से हुई. इन नेताओं में एक विशेष व्यक्तित्व और नेतृत्व की क्षमता दिखती थी. यह बात राजनीति से परे है इनमें से दो डेमोक्रेट थे और दो रिपब्लिकन. उनके भीतर एक स्टेट्समैन जैसी गरिमा, बौद्धिक क्षमता और नेतृत्व का भाव था. लेकिन एक “सज्जन” में मुझे ये सारे गुण पूरी तरह से नदारद लगते हैं. और यह मेरा निजी मत है.”
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