Sunita Williams: स्पेस में 9 महीने फंसीं सुनीता, 3 महीने बाद खाना खत्म, जानिए कैसे बचाई जान?

Sunita Williams: भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने तक अंतरिक्ष में फंसे रहे. 3 महीने में ताजा खाना खत्म हो गया, जिसके बाद उन्होंने खुद को कैसे बचाया जानते हैं.

By Aman Kumar Pandey | March 19, 2025 1:13 PM
an image

Sunita Williams: भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद आखिरकार बुधवार को सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए. स्पेसएक्स कैप्सूल ने फ्लोरिडा के तट पर बुधवार अहले सुबह सफल स्प्लैशडाउन लैंडिंग की, जिसके बाद दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर क्राफ्ट से पिछले साल जून में इस मिशन के लिए रवाना हुई थीं. शुरुआत में यह मिशन केवल एक सप्ताह का था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह मिशन कई महीनों तक खिंच गया और सुनीता को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर ही रहना पड़ा.

तकनीकी खराबी से बढ़ा मिशन का समय

बोइंग स्टारलाइनर में तकनीकी खामियों के चलते यह मिशन बार-बार स्थगित होता गया. इस दौरान कई बार उनकी वापसी की योजना बनाई गई, लेकिन तकनीकी समस्याओं ने हर बार वापसी में बाधा डाली. अंततः 9 महीने बाद सभी बाधाओं को पार करते हुए, स्पेसएक्स कैप्सूल ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की और पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली.

इसे भी पढ़ें: धरती पर सांस लेते ही सुनीता विलियम्स के पैर डगमगाए, देखें वीडियो 

अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स का संघर्ष

9 महीने तक ISS पर रहने के दौरान सुनीता और विल्मोर को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, जिसका असर सुनीता की शारीरिक स्थिति पर भी देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस दौरान सुनीता को मूत्र और पसीने को रिसाइकल कर पानी पीना पड़ा, जिससे उनकी हालत और भी चिंताजनक हो गई थी.

अंतरिक्ष में क्या खाती थीं सुनीता?

ISS में ताजा भोजन मिलना संभव नहीं होता, इसलिए फ्रोजन और फ्रीज-ड्राई फूड ही अंतरिक्ष यात्रियों का मुख्य सहारा होते हैं. मिशन के शुरुआती तीन महीनों तक ही ताजे फल और सब्जियां उपलब्ध थे, जो जल्द ही खत्म हो गए. इसके बाद, सुनीता और बुच विल्मोर को पाउडर दूध, पिज्जा, रोस्ट चिकन, झींगा कॉकटेल और टूना मछली जैसे फ्रीज-ड्राई भोजन पर निर्भर रहना पड़ा. न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल नवंबर तक सुनीता को सिर्फ पिज्जा और झींगा कॉकटेल ही मिल पा रहा था.

इसे भी पढ़ें: कहां की नागरिक है सीमा हैदर की बेटी? हिंदुस्तान या पाकिस्तान, भारी पड़ी एक गलती

कैसे होता है भोजन का प्रबंधन?

अंतरिक्ष में रहने वाले यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था बहुत सुनियोजित और सुरक्षित होती है. मांस और अंडे को धरती पर पकाकर भेजा जाता है, जिसे ISS पर गर्म किया जाता है. सूप, स्टू और कैसरोल जैसे भोजन को पानी से हाइड्रेट किया जाता है. इसके अलावा, अंतरिक्ष यात्रियों के मूत्र और पसीने को रिसाइकिल कर पानी में बदला जाता है.

क्या खाने की कमी से सुनीता का वजन घटा?

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सुनीता विलियम्स के वजन में कमी भोजन की कमी की वजह से नहीं हुई. विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि हर अंतरिक्ष यात्री को प्रति दिन 3.8 पाउंड भोजन की व्यवस्था की जाती है और इस दौरान भी आपातकालीन स्थिति के लिए पर्याप्त भोजन स्टॉक में रखा जाता है.

इसे भी पढ़ें: भारत कब आएंगी सुनीता विलियम्स? बहन ने किया खुलासा 

मिशन के सफल समापन पर खुशी

सुनीता और विल्मोर की वापसी पर पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली. 9 महीने तक तकनीकी बाधाओं के बीच संघर्ष करने के बाद दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का सुरक्षित लौटना अंतरिक्ष विज्ञान में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. अब सभी की निगाहें सुनीता विलियम्स की आगामी भारत यात्रा पर टिकी हैं, जहां उनके अनुभवों को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version