अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात का गठन हुआ, जानें इमाम का बेटा हैबतुल्लाह अखुंदजादा कैसे बन गया तालिबान का चीफ

हैबतुल्लाह अखुंदजादा तालिबान का सर्वोच्च नेता है. उसे यह पद 2016 में मिला, जब मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत हो गयी. हैबतुल्लाह का जन्म 1961 में कंधार प्रांत में हुआ था. उसका संबंध नूरजई जनजाति से है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2021 5:02 PM
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Hibatullah Akhundzada News : तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के चौथे दिन इस्लामिक अमीरात के गठन का ऐलान कर दिया है. यानी अफगानिस्तान एक इस्लामिक देश होगा. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने आज कहा कि कई देशों के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ने की खबरें अफवाह हैं तालिबान सभी देशों के साथ अच्छे राजनयिक और व्यापारिक संबंध बनाना चाहता है. इस्लामिक अमीरात के गठन के बाद अफगानिस्तान में शासन चलाने की व्यवस्था की जा रही है. एक कौंसिल के जरिये सत्ता का संचालन होगा जिसके सर्वेसर्वा हैबतुल्लाह अखुंदजादा होंगे.

कौन है हैबतुल्लाह अखुंदजादा

हैबतुल्लाह अखुंदजादा तालिबान का सर्वोच्च नेता है. उसे यह पद 2016 में मिला, जब मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत हो गयी. हैबतुल्लाह का जन्म 1961 में कंधार प्रांत में हुआ था. उसका संबंध नूरजई जनजाति से है. उसके पिता गांव के मस्जिद के इमाम थे. हैबतुल्लाह का अर्थ भगवान का उपहार होता है. हैबतुल्लाह एक कट्टर धार्मिक नेता के रूप में पहचाना जाता है. उनकी शिक्षा पिता के संरक्षण में ही हुई है. वो शरिया कानून के संरक्षक के रूप में पहचाना जाता है. वह अफगानिस्तान के शरिया कोर्ट के हेड के रूप में भी काम कर चुका है.

सोवियत सैन्य अभियान का विरोध किया था

1980 के दशक में हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में सोवियत सैन्य अभियान का विरोध किया और 1994 में वह तालिबान का सदस्य बना. फराह प्रांत पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद, अखुंदजादा को क्षेत्र में अपराध से लड़ने का प्रभारी बनाया गया था. तालिबान ने 1996 में जब काबुल पर कब्जा किया था उस वक्त भी उसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी थी. बाद में वह कंधार चला गया जिहादी मदरसा में एक लाख छात्रों को प्रशिक्षित करने लगा. धीरे-धीरे हैबतुल्लाह अखुंदजादा की ताकत तालिबान में बढ़ गयी और वह आज इसका सर्वेसर्वा है.

इस्लामी अमीरात का अर्थ

अफगानिस्तान में इस्लामी अमीरात के गठन का अर्थ है कि यह एक इस्लामिक देश होगा जहां शरिया का कानून चलेगा. अमीरात शब्द अमीर से बना है, इस्लाम में अमीर का मतलब चीफ होता है, उसके अधीन आने वाला क्षेत्र अमीरात होता है.

Also Read: अफगानिस्तान में सिर्फ शरिया कानून चलेगा, लोकतंत्र का सवाल ही नहीं, कौंसिल के जरिये चलेगी सत्ता : तालिबान

Posted By : Rajneesh Anand

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