Thailand PM: फोन कॉल लीक में फंसीं थाईलैंड की महिला PM, विरोधी नेता से गुप्त बातचीत पड़ी भारी

Thailand PM: थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को एक विवादित फोन कॉल के लीक होने और नैतिकता के उल्लंघन की जांच लंबित रहने तक पद से निलंबित कर दिया है. कंबोडिया के साथ सीमा विवाद और सार्वजनिक विरोध ने मामले को और गंभीर बना दिया.

By Aman Kumar Pandey | July 1, 2025 3:04 PM
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Thailand PM: थाईलैंड की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनवात्रा को उनके पद से निलंबित कर दिया है. यह फैसला उस विवादित फोन कॉल के लीक होने के बाद आया है, जिसमें वे कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन से बातचीत करती सुनाई दी थीं. कोर्ट ने नैतिकता के उल्लंघन के आरोपों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया, जिसमें सात जजों ने उनके निलंबन के पक्ष में वोट दिया जबकि दो ने इसका विरोध किया.

यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब 28 मई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद के दौरान एक झड़प हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया. इसी दौरान पेटोंगटार्न की हुन सेन से बातचीत का एक ऑडियो सामने आया, जिसमें वे सेन को ‘अंकल’ कहती हैं और आश्वस्त करती हैं कि उनकी बातों का ध्यान रखा जाएगा. यह बातचीत एक वरिष्ठ थाई सैन्य अधिकारी की उपस्थिति में हुई थी. इस रिकॉर्डिंग को लेकर जनता में भारी नाराजगी फैली और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

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बैंकॉक में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और पेटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग करने लगे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने थाईलैंड की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है. कई लोगों का मानना है कि उन्होंने सीमा विवाद के संवेदनशील मुद्दे पर कंबोडिया के साथ जरूरत से ज्यादा नरमी दिखाई.

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प्रदर्शन में शामिल सूरत थानी प्रांत के निवासी तचाकोर्न श्रीसुवान ने कहा, “हम कमजोर नेतृत्व नहीं चाहते. हमारा उद्देश्य किसी पर हमला करना नहीं है, लेकिन हम अपनी मातृभूमि की संप्रभुता की रक्षा के लिए एकजुट हैं.” वहीं, पेटोंगटार्न ने अपने बचाव में कहा कि उस कॉल से उन्हें कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं हुआ और न ही इससे थाईलैंड को कोई नुकसान पहुंचा. उन्होंने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है. लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें उनके पद से दूर रहना होगा. थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद नया नहीं है, लेकिन इस बार का टकराव और उसके बाद की लीक बातचीत ने प्रधानमंत्री की कुर्सी को गंभीर खतरे में डाल दिया है.

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