Trump Bans Foreign Students At Harvard: ट्रंप का बड़ा वार, हार्वर्ड में विदेशी छात्रों पर बैन, चीन ने दी सख्त चेतावनी

Trump Bans Foreign Students at Harvard: अमेरिका ने हार्वर्ड को नए विदेशी छात्रों को दाखिला देने से रोका है, जिससे चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. हांगकांग विश्वविद्यालय ने प्रभावित छात्रों को आमंत्रित किया है. यह कदम अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है.

By Aman Kumar Pandey | May 23, 2025 7:05 PM
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Trump Bans Foreign Students at Harvard: अमेरिका ने हार्वर्ड को नए विदेशी छात्रों को दाखिला देने से रोका है, जिससे चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. हांगकांग विश्वविद्यालय ने प्रभावित छात्रों को आमंत्रित किया है. यह कदम अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ अपनी पुरानी तनातनी को एक नया मोड़ दे दिया है. ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को एक सख्त निर्णय लेते हुए यह ऐलान किया कि अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय नए विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगा. इसके अलावा, वर्तमान में हार्वर्ड में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी किसी अन्य मान्यता प्राप्त अमेरिकी विश्वविद्यालय में स्थानांतरित होना पड़ेगा, अन्यथा उनकी कानूनी स्थिति खतरे में पड़ सकती है और उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है.

ट्रंप सरकार के इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना हो रही है, खासकर चीन ने इस कदम पर सख्त आपत्ति जताई है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि शैक्षणिक आदान-प्रदान दोनों देशों के लिए लाभकारी रहा है और अमेरिका का इस सहयोग को राजनीतिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णयों से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचेगा और उसकी वैश्विक साख कमजोर होगी.

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चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह विदेश में पढ़ने वाले अपने छात्रों और शोधकर्ताओं के अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा करेगा. गौरतलब है कि हर साल बड़ी संख्या में चीनी छात्र हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. वर्ष 2024 में हार्वर्ड ने कुल 6,703 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला दिया था, जिनमें से 1,203 छात्र चीन के थे.

ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद हांगकांग स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (HKUST) ने एक सकारात्मक कदम उठाया है. इस विश्वविद्यालय ने हार्वर्ड के उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को खुला निमंत्रण दिया है जो इस निर्णय से प्रभावित हुए हैं. संस्थान ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि वह इन छात्रों को बिना किसी शर्त के प्रवेश देगा और उनकी शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखने में हरसंभव सहायता प्रदान करेगा. यह पूरा घटनाक्रम न केवल अमेरिका की शैक्षणिक स्वतंत्रता और वैश्विक भूमिका पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शिक्षा को लेकर वैश्विक राजनीति कितनी संवेदनशील हो चुकी है.

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