अपने ट्वीटर पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ट्वीट कर बताया कि, वैसे उन अफगानियों को अमेरिका में शरण दी जा सकती है, जिन्होंने युद्ध के दौरान अमेरिका की मदद की है. वे लिखते हैं कि एक बार स्क्रीनिंग और बाकी औपचारिकताएं हो जाएं, हम उन अफगानियों का अपने देश में स्वागत करेंगे जिन्होंने युद्ध के दौरान हमारी मदद की थी. ऐसे ही हैं हम. अमेरिका की भी यही पहचान रही है.
गौरतलब है कि 20 साल रुकने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अचानक अपनी सेना को अफगानिस्तान से वापस बुलाने का फैसला कर लिया. अमेरिकी सेना के हटते ही तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. अमेरिकी की इस नीति का पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. ऐसे में राष्ट्रपति जो बाइडेन का यह ऐलान दुनिया को यह दिखाने की कोशिश मानी जा रही है कि अमेरिका अपने साथ देने वालों की मदद से पीछे नहीं हटता.
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अफगानिस्तान को लेकर फोन पर बात की. दोनों राष्ट्रप्रमुखों ने अफगानिस्तान पर एक दूसरे की गतिविधि साझा की. और साथ काम करने को लेकर सहमति जताई. इसके अलावा दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों और अन्य कर्मचारियों समेत कई और लोगों को अफगानिस्तान से निकालने को लेकर चर्चा की.
इधर, अफगानिस्तान में तालिबान को कईयों की चुनौती मिल रही है. अफगानिस्तान के बगलान प्रांत के अंद्राब में तालिबानी लड़ाकों के साथ संघर्ष जारी है. पंजशीर प्रोविनेंस की ट्वीट के मुताबिक, बानू जिले में तालिबान के खिलाफ लड़ सेना ने तालिबान के कई लड़ाकों को ढेर कर दिया है. कइयों को बंदी बना लिया गया है.
Posted by: Pritish Sahay