मेदवेदेव की धमकी, ‘हमारे पास Dead Hand है’
मेदवेदेव ने साफ कहा कि रूस के पास ऐसी प्रणाली है जो परमाणु युद्ध की स्थिति में ऑटोमैटिक जवाबी हमला कर सकती है, चाहे नेतृत्व खत्म ही क्यों न हो. ‘डेड हैंड’ नाम की इस प्रणाली को शीत युद्ध के समय तैयार किया गया था.
रूस का पलटवार, हमारी पनडुब्बियां ज्यादा
अमेरिका की तैनाती के जवाब में रूस के वरिष्ठ सांसद विक्टर वोडोलात्स्की ने कहा है कि हमारी न्यूक्लियर सबमरीन की संख्या अमेरिकी पनडुब्बियों से कहीं ज्यादा है. ट्रंप जिन पनडुब्बियों को रूस के पास भेज रहे हैं, वे पहले से ही हमारी नजर में हैं.
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कितनी न्यूक्लियर सबमरीन हैं रूस और अमेरिका के पास?
GlobalFirePower (2025) के अनुसार, अमेरिका के पास करीब 70 और रूस के पास लगभग 63–64 सबमरीन हैं. अमेरिका के पास 14 ओहायो क्लास बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन (SSBN) हैं, जिनमें हर एक में 20 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) लगी होती हैं. ये सबमरीन बेहद स्टील्थी होती हैं और 15 साल तक मेजर रिपेयर की जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा अमेरिका के पास 24 वर्जीनिया क्लास, 3 सीवुल्फ क्लास, और कम से कम 24 लॉस एंजेलिस क्लास फास्ट अटैक सबमरीन (SSN) भी हैं.
वहीं रूस के पास 8 बोरेई क्लास SSBN हैं, जिनमें 16 बुलावा मिसाइल और 6 टॉरपीडो लॉन्चर लगे होते हैं. इसके अलावा 6 डेल्टा-IV क्लास भी सेवा में हैं. रूस की फास्ट अटैक सबमरीन में 4 यासेन क्लास और 5 अकुला क्लास शामिल हैं, जो अपने स्टील्थ और मारक क्षमता के लिए जानी जाती हैं.
Us Russia Nuclear Submarines: युद्ध की आशंका बढ़ी?
दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस सबमरीन को समुद्रों में तैयार रख रहे हैं. ये ‘बूमर’ सबमरीन दुनिया की सबसे खतरनाक और गुप्त हथियार प्रणाली मानी जाती हैं. अमेरिका और रूस की ओर से जारी ये ताजा गतिविधियां वैश्विक सुरक्षा को नई चिंता दे रही हैं.
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