ब्रिटेन के अखबार ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को और सशक्त किया है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पहले ही इजरायल द्वारा संभावित हमलों की चेतावनी दी थी. पिछले वर्ष इजरायल ने ईरान के पारचिन सैन्य परिसर पर हमला किया था, जिससे उसकी सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती मिली थी.
अमेरिका की बदलती नीतियों के बीच, डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान पर अधिक दबाव डाला जा रहा है. ट्रंप ने 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, और अब एक बार फिर ईरान पर दबाव बढ़ाने की नीति अपनाई जा रही है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में ईरान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि इजरायल अमेरिका के समर्थन से ईरान के आतंकी नेटवर्क पर कड़ा प्रहार करेगा. इसी बीच, गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल की सैन्य कार्रवाई के बाद, लेबनान, यमन और इराक में ईरान समर्थित गुटों के साथ भी तनाव बढ़ गया है.
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ईरान की वायु रक्षा प्रणाली अभी भी कमजोर मानी जा रही है. हालांकि, उसने रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है और अपनी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को विकसित करने की दिशा में भी काम कर रहा है. इस घटनाक्रम से मध्य पूर्व में अस्थिरता और बढ़ने की आशंका है.
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