रूस भारत का सच्चा दोस्त या दुश्मन? राफेल को कर रहा बदनाम, लेकिन क्यों

What is Russia to India friend or Enemy Defaming Rafael: रूसी मीडिया भारतीय लड़ाकू विमान राफेल के खिलाफ पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को क्यों बढ़ा रहा है?

By Aman Kumar Pandey | May 22, 2025 12:23 PM
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What is Russia to India Friend or Enemy Defaming Rafael: भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने और मजबूत हैं. सोवियत संघ के समय से ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी रही है. खासकर जब भारत को चीन और पाकिस्तान से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, तब सोवियत संघ ने भारत का खुलकर समर्थन किया. यहां तक कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका के हस्तक्षेप को रोकने के लिए सोवियत संघ ने अपने युद्धपोत हिंद महासागर में तैनात कर दिए थे. इस भरोसे और सहयोग के कारण भारत और रूस की दोस्ती आज भी कायम है.

आज भी भारत रूस से सबसे अधिक हथियार खरीदने वाला देश है. जब रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाए, तब भी भारत ने रूस से न केवल सस्ता तेल खरीदा बल्कि हथियारों की खरीद जारी रखी. इस बीच, रूस का मीडिया संस्थान RT यानी Russia Today, जो सरकार के अधीन है, अब भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों को सुखोई-57 फाइटर जेट बेचने की कोशिश में जुट गया है.

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हाल ही में भारत द्वारा किया गया ऑपरेशन सिंदूर एक बड़ी सैन्य सफलता रहा, जिसमें भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों का उपयोग किया. इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया और प्रोपेगेंडा मशीनरी ने राफेल की क्षमताओं पर सवाल उठाने शुरू किए. अब रूस का सरकारी चैनल RT भी इसी लाइन पर चल रहा है. उसने फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों की तुलना में रूस के सुखोई-57 को बेहतर विकल्प बताया है.

RT ने इंडोनेशिया द्वारा प्रस्तावित 42 राफेल जेट की खरीद को लेकर संदेह जताया और इस सौदे को लेकर नकारात्मक खबरें प्रसारित कीं. यह वही तर्क और बयानबाजी है जिसे पाकिस्तानी मीडिया भी बढ़ावा दे रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या RT निष्पक्ष मीडिया संस्थान है या फिर रूस की रणनीतिक और व्यावसायिक नीतियों को मीडिया के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है?

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RT का कहना है कि रूस का सुखोई-57 ‘पांचवीं पीढ़ी’ का लड़ाकू विमान है जो न केवल राफेल, बल्कि अमेरिका के एफ-35 से भी बेहतर है. वह इसे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक “गेमचेंजर” बता रहा है और इसका प्रचार इंडोनेशिया और भारत के संदर्भ में कर रहा है.

गौरतलब है कि भारत और इंडोनेशिया दोनों फिलहाल पुराने सुखोई विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं, और अब वे अपने बेड़े को अपग्रेड करना चाहते हैं. इसी प्रयास में इंडोनेशिया फ्रांस से करीब 8 अरब डॉलर में राफेल खरीदने की योजना बना रहा है, जिसे रोकने की कोशिश RT और पाकिस्तानी मीडिया मिलकर कर रहे हैं.

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रूस का मुख्य उद्देश्य साफ है वह अपने पुराने हथियार बाजार को बनाए रखना चाहता है, खासकर तब जब भारत अब अमेरिका और फ्रांस जैसे पश्चिमी देशों से भी रक्षा सौदे करने में रुचि दिखा रहा है. यह नया मोर्चा अब सिर्फ सैन्य या कूटनीतिक नहीं, बल्कि ‘मीडिया युद्ध’ का रूप ले चुका है, जहां पत्रकारिता की आड़ में भू-राजनीतिक रणनीतियां चलाई जा रही हैं.

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