मुस्लिम देशों ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, 90% फांसी सिर्फ तीन मुल्कों में दी गई!

Which Muslim Countries Most Death Sentences: दुनिया में मौत की सजा अचानक बढ़ी, कौन हैं वे तीन देश जो 90% फांसी देते हैं? चीन और उत्तर कोरिया के आंकड़े छुपे हुए, सच क्या है? जानिए पूरी रिपोर्ट में.

By Govind Jee | July 18, 2025 1:39 PM
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Which Muslim Countries Most Death Sentences: दुनियाभर में मौत की सजा के मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में कुल 1518 लोगों को फांसी दी गई. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 32 फीसदी ज्यादा है और 2015 के बाद से सबसे ऊंचा है, जब 1634 लोगों को मृत्युदंड दिया गया था.

एमनेस्टी ने चेताया कि यह संख्या असल में और भी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई देशों  विशेषकर चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम में मौत की सजा से जुड़े आंकड़े गोपनीय रखे जाते हैं और वहां मृत्युदंड के मामलों की वास्तविक संख्या कभी सामने नहीं आती.

Which Muslim Countries Most Death Sentences: फांसी देने वाले शीर्ष देश

रिपोर्ट के अनुसार, केवल तीन देश ईरान, सऊदी अरब और इराक दुनिया की 91 प्रतिशत फांसी के लिए जिम्मेदार हैं. ईरान सबसे आगे रहा, जहां साल 2024 में 972 लोगों को फांसी दी गई, जो 2023 की तुलना में 119 अधिक है. इनमें 30 महिलाएं भी शामिल थीं, जो वैश्विक महिला फांसी का 64% हिस्सा है. सऊदी अरब ने 172 से बढ़ाकर 345 लोगों को फांसी दी, यानी लगभग दोगुनी वृद्धि हुई. इराक में फांसी की संख्या 16 से बढ़कर 63 हो गई, और ये सभी फांसी आतंकवाद से जुड़े मामलों में दी गईं.

ईरान में मृत्युदंड पाने वाले मामलों का बड़ा हिस्सा ड्रग्स तस्करी और नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों से संबंधित था. सऊदी अरब और इराक में अधिकतर मामले हिंसक अपराध और आतंकवाद के तहत आते हैं.

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अमेरिका और अन्य देशों में भी वृद्धि

संयुक्त राज्य अमेरिका में भी फांसी की संख्या में हल्की बढ़ोतरी हुई. 2024 में वहां 25 लोगों को मृत्युदंड दिया गया, जो 2023 से एक ज्यादा है और 2018 के बाद सबसे अधिक है. वहीं मिस्र और यमन जैसे देशों में भी फांसी के मामलों में उछाल देखा गया. इन दोनों देशों में 2023 में कुल 15 फांसी दी गई थीं, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 38 तक पहुंच गया.

केवल 15 देशों में दी गई फांसी (Which Muslim Countries Most Death Sentences)

एक ओर जहां कुछ देशों में फांसी की संख्या में बढ़ोतरी हुई, वहीं एक राहत की बात यह है कि 2024 में केवल 15 देशों ने फांसी दी, जो रिकॉर्ड पर सबसे कम देशों में शामिल है. यह लगातार दूसरा साल है जब इतने ही देशों ने मृत्युदंड पर अमल किया.

चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम के आंकड़े नहीं

एमनेस्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में चीन, उत्तर कोरिया और वियतनाम जैसे देशों के आंकड़े शामिल नहीं हैं. इन देशों में मृत्युदंड को लेकर अत्यधिक गोपनीयता बरती जाती है और रिपोर्ट में इन्हें “State Secrets” के अंतर्गत माना जाता है. माना जाता है कि केवल चीन में हजारों लोगों को हर साल फांसी दी जाती है.

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मानवाधिकार संगठनों की चिंता

एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा कि फांसी की सजा एक अमानवीय और क्रूर दंड है. यह चिंताजनक है कि कुछ सरकारें इसे न्याय का साधन मान रही हैं, जबकि यह मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है. यहां दी हुई जानकारी एमनेस्टी इंटरनेशनल रिपोर्ट 2025 – मृत्युदंड और फांसी 2024 बीबीसी, अल जजीरा, द गार्जियन रिपोर्ट्स से लिए गया है. आंकड़े आने वाले समय के साथ बदल भी सकता है. 

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