Why Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal: क्या भारत को धोखा दे रहा रूस? पाकिस्तान से किया अरबों डॉलर का डील

Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal: रूस और पाकिस्तान ने कराची में एक अत्याधुनिक स्टील मिल स्थापित करने के लिए बड़ा समझौता किया है.

By Aman Kumar Pandey | July 12, 2025 2:39 PM
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Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal: पाकिस्तान और रूस ने आखिरकार एक लंबे समय से के बाद व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके तहत कराची में एक आधुनिक स्टील मिल की स्थापना की जाएगी. शुक्रवार 11 जुलाई को मॉस्को स्थित पाकिस्तान दूतावास में आयोजित एक विशेष समारोह में इस परियोजना की घोषणा की गई. यह समझौता दोनों देशों के बीच औद्योगिक और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

समारोह में पाकिस्तान के उद्योग और उत्पादन मंत्रालय के सचिव सैफ अंजुम और रूस की औद्योगिक इंजीनियरिंग कंपनी के महानिदेशक वादिम वेलिचको ने इस पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हारून अख्तर खान और रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली भी मौजूद रहे.

पाकिस्तान को क्या फायदा? (Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal)

रिपोर्टों के मुताबिक यह परियोजना पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) का फिर से निर्माण और आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिसे 1973 में तत्कालीन सोवियत संघ की मदद से स्थापित किया गया था. यह मिल एक समय पाकिस्तान का सबसे बड़ा औद्योगिक संस्थान थी, लेकिन वित्तीय और प्रशासनिक संकटों के चलते 2015 में पूरी तरह बंद हो गई थी.

नई डील के तहत न सिर्फ पीएसएम को दोबारा खड़ा किया जाएगा, बल्कि कराची में 700 एकड़ में फैले एक नए और अत्याधुनिक स्टील संयंत्र की भी स्थापना की जाएगी. इसमें रूस की उन्नत स्टील निर्माण तकनीक का इस्तेमाल होगा, जिससे पाकिस्तान की इस्पात आयात पर निर्भरता 30% तक कम होने की उम्मीद है.

पाकिस्तान में रोजगार के नए अवसर (Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal)

इस समझौते की कुल अनुमानित लागत 2.6 बिलियन डॉलर (लगभग 22,000 करोड़ रुपये) आंकी गई है. यह न केवल पाकिस्तान के औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक बड़ा निवेश है, बल्कि इससे देश की जीडीपी को भी दीर्घकालिक रूप से मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है. फिलहाल पाकिस्तान हर साल करीब 2.7 बिलियन डॉलर का इस्पात और लोहा आयात करता है, जबकि घरेलू मांग और आपूर्ति में लगभग 3.1 मिलियन टन का अंतर है.

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नई मिल के शुरू होने से इस अंतर को कम किया जा सकेगा, जिससे न केवल आयात बिल में कटौती होगी बल्कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी इजाफा होगा. साथ ही इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. खासकर कराची जैसे औद्योगिक केंद्र में यह प्रोजेक्ट स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर लेकर आएगा.

रूस-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ती नजदीकी ((Russia Pakistan Signs Billion Dollar Deal)

यह समझौता रूस और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में लगातार हो रही प्रगति का संकेत है. दोनों देश पहले से ही ऊर्जा क्षेत्र में पाकिस्तान स्ट्रीम गैस पाइपलाइन और 2023 से शुरू हुई कच्चे तेल की आपूर्ति जैसी परियोजनाओं में साझेदारी कर रहे हैं. हाल ही में रूस के उप-प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को “स्वाभाविक सहयोगी” करार दिया था और व्यापारिक साझेदारी में मजबूती लाने की बात कही थी.

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भारत पाकिस्तान तनाव के बीच रूस का रणनीतिक फैसला

यह समझौता उस समय सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. हाल ही में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों में रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय पर रूस द्वारा पाकिस्तान से समझौता करना भारत-रूस संबंधों पर असर डाल सकता है. हालांकि रूस ने बार-बार स्पष्ट किया है कि उसके पाकिस्तान से संबंध भारत के साथ रणनीतिक रिश्तों को कमजोर करने की मंशा से नहीं हैं.

भविष्य की चुनौतियां और तैयारी

हालांकि यह परियोजना पाकिस्तान के लिए एक सुनहरा अवसर है, लेकिन इसके साथ कुछ गंभीर चुनौतियां भी जुड़ी हैं. पाकिस्तान स्टील मिल्स के अतीत में प्रबंधकीय विफलताएं, घाटा और भ्रष्टाचार प्रमुख समस्याएं रही हैं. नई परियोजना को सफल बनाने के लिए पारदर्शी प्रबंधन, सतत निवेश और आधुनिक तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी. सरकार ने संयंत्र के लिए 700 एकड़ भूमि आवंटित की है और बाकी भूमि औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता सार्वजनिक-निजी साझेदारी और PSM की संपत्तियों के दोबारा उपयोग से की जाएगी.

रूस-पाकिस्तान के बीच हुआ यह समझौता न केवल दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देगा, बल्कि पाकिस्तान के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य के लिए भी एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है. यह परियोजना पाकिस्तान के लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जो आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक तस्वीर को बदल सकती है.

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