इसके साथ ही, ट्रंप ने सऊदी अरब से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश करने की अपील की है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहले ही अगले चार वर्षों में अमेरिका में 600 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी. ट्रंप का मानना है कि अतिरिक्त निवेश दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा. यह निवेश मुख्य रूप से अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, और ऊर्जा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाएगा.
ट्रंप ने हाल ही में अपने पहले के फैसले को लेकर एक नई सोच का परिचय दिया है. उन्होंने डब्ल्यूएचओ से अलग होने की घोषणा की थी, जिसे 2026 तक लागू किया जाना है. हालांकि, अब उनका कहना है कि वे संगठन में पुनः शामिल होने की संभावना पर विचार कर रहे हैं. यह लचीलापन दर्शाता है कि ट्रंप वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों को लेकर एक अधिक समन्वित दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं.
सऊदी अरब से बड़े पैमाने पर निवेश की अपील और डब्ल्यूएचओ में संभावित वापसी, दोनों ही फैसले, ट्रंप के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्राथमिकता देने की नीति को उजागर करते हैं. ये कदम न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका की भूमिका को और सशक्त बनाएंगे. ऐसे फैसले अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य और आर्थिक संतुलन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.