Indian Nurse Nimisha Priya: कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान? 16 जुलाई को दी जाएगी फांसी

Indian Nurse Nimisha Priya: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा सुनाई गई है. उन्हें 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था. अब 'ब्लड मनी' के जरिए उनकी फांसी टल सकती है.

By Aman Kumar Pandey | July 9, 2025 3:15 PM
an image

Indian Nurse Nimisha Priya: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जानी है. उन्हें 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था. इस फैसले को टालने के लिए ‘ब्लड मनी’ का सहारा लिया जा सकता है, जिसकी अनुमति इस्लामिक कानून देता है. हालांकि, अंतिम निर्णय पीड़ित परिवार के हाथ में होता है.

क्या है ब्लड मनी? (Blood Money)

‘ब्लड मनी’ एक प्रकार का आर्थिक मुआवजा है, जो आरोपी द्वारा पीड़ित के परिवार को दिया जाता है. इसका मकसद होता है कि आरोपी को माफी मिलने की संभावना बने. इस्लामिक कानून के तहत, खासकर हत्या जैसे मामलों में पीड़ित के परिजनों को यह अधिकार होता है कि वे दोषी को क्षमा करें या नहीं. यदि वे मुआवजा लेने को तैयार हों, तो सज़ा-ए-मौत को टाला जा सकता है.यह व्यवस्था अधिकतर गैर-इरादतन हत्या जैसे मामलों में अपनाई जाती है, लेकिन कई बार जानबूझकर की गई हत्या में भी परिवार की सहमति से यह रास्ता खुलता है. इसे ‘दिया’ प्रथा भी कहा जाता है.

इसे भी पढ़ें: चीन के आसमान में दिखें 7 सूरज, लेकिन कैसे? वीडियो देख दुनिया हुई हैरान

कितना देना पड़ता है मुआवजा? (Indian Nurse Nimisha Priya)

ब्लड मनी की कोई तय रकम नहीं होती. यह आमतौर पर आरोपी और पीड़ित के परिवार या उनके प्रतिनिधियों के बीच आपसी सहमति से तय की जाती है. कुछ देशों में न्यूनतम राशि का अनुमान तय होता है. निमिषा प्रिया के मामले में अनुमान है कि 3 से 4 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब ढाई से तीन करोड़ रुपये) तक की रकम की जरूरत पड़ सकती है. उन्हें राहत दिलाने के लिए साल 2020 में ‘Save Nimisha Priya International Action Council’ की शुरुआत की गई थी, जो इस रकम को जुटाने में लगा है.

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उदाहरण (Blood Money)

ब्लड मनी जैसी व्यवस्था का जिक्र सिर्फ इस्लामिक कानून तक सीमित नहीं है. आयरलैंड की ब्रेहॉन लॉ प्रणाली में Éraic (शरीर की कीमत) और Log nEnech (सम्मान की कीमत) जैसी व्यवस्थाएं थीं, जहां अपराध की गंभीरता और पीड़ित की सामाजिक स्थिति के आधार पर मुआवजा तय होता था. वेल्श कानून में Galanas नाम की प्रथा थी, जो पीड़ित के सामाजिक दर्जे के आधार पर मुआवजे की रकम तय करती थी. इसी तरह जर्मन इतिहास में Wergeld जैसी प्रणाली मौजूद थी, जो हत्या और हिंसा जैसे मामलों को मुआवजे के जरिए सुलझाने की कोशिश करती थी.

इसे भी पढ़ें: क्या जिंदा भारत लौट पाएगी निमिषा प्रिया? 16 जुलाई को यमन में फांसी

भारतीयों के उदाहरण जहां मिली राहत ((Indian Nurse Nimisha Priya)

निमिषा प्रिया अकेली भारतीय नहीं हैं जो ब्लड मनी के आधार पर राहत की उम्मीद कर रही हैं. 2019 में तमिलनाडु के अर्जुनन अथिमुत्थु की मौत की सजा को कुवैत में उम्रकैद में बदला गया, जब उनके परिवार ने करीब 30 लाख रुपये बतौर ब्लड मनी अदा किए. एक और उदाहरण 2006 का है, जब अब्दुल रहीम को सऊदी अरब में एक किशोर की हत्या के आरोप में मौत की सजा हुई थी. परिवार ने 34 करोड़ रुपये की ब्लड मनी देकर अदालत से माफी दिलवा दी.

अब नजरें पीड़ित परिवार पर

निमिषा प्रिया के जीवन-मरण का फैसला अब यमन में पीड़ित परिवार की इच्छा पर टिका है. अगर वे ब्लड मनी स्वीकार करते हैं, तो भारतीय नर्स की फांसी टल सकती है. हालांकि, अभी तक इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे स्थिति अनिश्चित बनी हुई है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version