Nimisha Priya: केरल की रहने वाली 37 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा को 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जाएगी. यह जानकारी इंडियन एक्सप्रेस ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के हवाले से दी है, जो इस मामले में कूटनीतिक स्तर पर प्रयास कर रहे हैं.
यमन में क्यों गई थीं निमिषा? (Nimisha Priya)
निमिषा साल 2008 में अपने माता-पिता की आर्थिक मदद के लिए यमन गई थीं. वहां उन्होंने कई अस्पतालों में बतौर नर्स काम किया और बाद में अपना खुद का क्लिनिक शुरू किया. यमन के कानून के मुताबिक, किसी भी विदेशी को व्यापार शुरू करने के लिए किसी स्थानीय नागरिक के साथ साझेदारी करनी होती है. इसी सिलसिले में उनकी मुलाकात यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी से हुई.
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क्या है हत्या का मामला? (Nimisha Priya)
निमिषा और तलाल के बीच व्यापारिक रिश्ते धीरे-धीरे बिगड़ने लगे. साल 2016 में किसी विवाद के चलते निमिषा ने तलाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन कुछ समय बाद रिहा भी कर दिया गया. इसके बाद तलाल ने निमिषा को धमकाना शुरू कर दिया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया. परिवार के अनुसार, पासपोर्ट वापस पाने के लिए निमिषा ने तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन देने की कोशिश की, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद आरोप है कि निमिषा और उसकी सहयोगी हनान ने तलाल की लाश के टुकड़े कर पानी की टंकी में फेंक दिए. देश से भागने की कोशिश में निमिषा को गिरफ्तार किया गया और 2018 में कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया.
India proudly upholds its Viswa Guru image, yet the imminent execution of Nimisha Priya, a Malayali nurse in Yemen, reportedly scheduled for July 16, 2025, requires urgent intervention. An action committee committed to collecting the necessary blood money, transferring $40,000,… pic.twitter.com/cVaEOxnmCQ
— John Brittas (@JohnBrittas) July 9, 2025
डिप्लोमैटिक कोशिशें जारी
भारत सरकार और सामाजिक संगठन इस फांसी को टालने के लिए राजनयिक प्रयास कर रहे हैं. यमन के कानून में क्षमा की गुंजाइश होती है अगर मृतक के परिजन “ब्लड मनी” स्वीकार कर लें. हालांकि अभी तक इस दिशा में कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है.
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