Film Rudra shakti: भोजपुरी में बन रही कहानी आधारित अच्छी फिल्में, अक्षरा ने कहा- अब फिल्मों से होगा गर्व

Film Rudra shakti: अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत की फिल्म रुद्रशक्ति सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. फिल्म प्रेम, आस्था और सामाजिक बदलाव की कहानी कहती है. अक्षरा ने कहा कि, अब फिल्मों से गर्व महसूस होगा. पढ़ें प्रभात खबर में एक्सक्लूसिव बातचीत.

By हिमांशु देव | July 18, 2025 7:07 AM
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Q. आप यूथ आइकॉन हैं. भोजपुरी को लेकर आपका व्यक्तिगत या निजी राय क्या है?

अक्षराः जब मैं सक्षम नहीं थी, तो कुछ नहीं कर पा रही थी. उतने योग्य ही नहीं थी, कि अपने पैर पर खड़ी होकर कोई स्टेप ले पाऊं. कई फिल्में मैंने ऐसी भी की हैं, जो मुझे नहीं करनी चाहिए थी. कई गाने को देखती हूं तो अफसोस करती हूं. उन दिनों उतना पता नहीं थी. होश संभालने के बाद समझी कि यह मेरी संस्कृति का हिस्सा नहीं है. खुलकर अच्छी फिल्मों को सपोर्ट मिलना शुरू हो जायेगा तो अच्छी कहानी आधारित फिल्में आने लगेगी. हम फिल्मों से गर्व महसूस कराते रहेंगे.

Q. भोजपुरी फिल्मों की कहानियां काफी सतही रहती है, आपकी इस फिल्म में नया क्या है?

निर्माताः भोजपुरी फिल्म पिछले कुछ दिनों से बदनाम है. डबल मीनिंग के गाने और सिनेमा परिवार के साथ देखने लायक नहीं बनतीं, जिससे सिनेमा का संस्कार बिगड़ गया. रुद्रशक्ति (Film Rudra Shakti) अब इतिहास में नया पन्ना जोड़ेगी. बनारस में पूरी शूटिंग हुई है. तेज धूप में कलाकारों ने नंगे पांव फिल्म शूट किया. लेकिन, सभी ने खुशी से काम किया.

Q. भोजपुरी इंडस्ट्री अब किस दिशा में जा रही है? क्या ये केवल गानों तक सीमित रह गयी है या कंटेंट में बदलाव आ रहा है?

विक्रांतः अब फिल्मों की कहानी पर काम हो रहा है. भोजपुरी का इतिहास भाषा, साहित्य, कहानियां, लेखन, कवि समृद्ध रहे है, बीच में गानों के बीच सिनेमा बनाने का ट्रेंड चला, लेकिन अब समय बदल रहा है. अब भोजपुरी में भी कहानी आधारित फिल्में बन रही है. रूद्रशक्ति हमारे भोजपुरी सिनेमा दर्शकों के लिए रास्ता खोलेगी.

Q. फिल्म की कहानी क्या है? लोग परिवार के साथ इसे देखने सिनेमा हॉल जा सकते हैं?

मनमोहनः फिल्म लव स्टोरी पर है. इसमें शंकर-पार्वती की प्रेम कहानी को दर्शाया गया है. मैं फिल्म में विलेन का किरदार भी निभा रहा हूं, पिछले 10 फिल्मों को देखेंगे, तो हमारी फिल्म बेहतर साबित होगी. रूद्रशक्ति उस तरह का सिनेमा है, जिसमें गर्व से पूरे परिवार के साथ सिनेमाघर में देख सकते हैं.

Q. पहली बार भोजपुरी फिल्म का आपने निर्देशन किया है, अनुभव कैसा रहा ?

निर्देशकः भाषा के तौर पर भोजपुरी में यह मेरी पहली फिल्म है. सिनेमा खुद में एक लैंग्वेज है. साइलेंट फिल्में अभी भी लोग देखते हैं, और समझ भी आती है. कला की कोई भाषा नहीं होती. कहानी अच्छी हो तो लोग जरूर देखेंगे.

Q. न्यूकमर्स को इंडस्ट्री में एंट्री कहां से लेनी चाहिए ?

निर्माताः जिसके अंदर गुण होगा वह कभी छुप नहीं सकता. दिन में तारे नहीं दिखते, लेकिन आकाश में तारे होते हैं. काम सीखकर आएं, इंडस्ट्री स्वागत के लिए तैयार है.

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