बेतिया. रास्ते के विवाद को लेकर 12 वर्ष पूर्व हुई एक हत्या के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजेंद्र कुमार पांडेय ने दोषी करार दिए गए जवाहर साह को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उसके ऊपर पचास हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. सजायाफ्ता जवाहर साह चनपटिया थाने के गिद्धा गांव का रहने वाला है. अपर लोक अभियोजक ज्योति भूषण फौजदार ने बताया कि यह घटना 26 मार्च वर्ष 2013 की है. इस कांड का सूचक मोहम्मद मोइनुद्दीन अंसारी अपना ट्रैक्टर लेकर अपने पुत्र मोहम्मद सलाउद्दीन के साथ अपने निर्माणाधीन घर पर जा रहा था. दोनों जैसे ही शंभू शाह के क्रेशर मशीन के पास पहुंचे तो वहां पहले से घात लगाकर छिपे रामनाथ साह, सुदामा साह, मोतीलाल साह, जवाहर साह सहित 12 लोग ट्रैक्टर को घर लिए और मोहम्मद सलाउद्दीन को खींचकर ट्रैक्टर से नीचे उतार लिए. उसके बाद उसे लाठी, भाला, लोहे के रॉड से जानलेवा प्रहार कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिए. उसके बाद सभी अभियुक्तगण उसे मृत समझ कर वहां से भाग गए. हल्ला पर ग्रामीण पहुंचे और उन लोगों ने मोहम्मद सलाउद्दीन को इलाज के लिए चनपटिया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे एमजेके अस्पताल बेतिया रेफर कर दिया. जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मोहम्मद मोइनुद्दीन अंसारी के फर्द बयान के आधार पर 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. वर्ष 2013 में जवाहर शाह को फरार दिखाते हुए कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया था. वर्ष 2022 में जवाहर शाह ने कोर्ट में आत्म समर्पण किया. इस मामले में अन्य 11 अभियुक्तों का विचारण अलग चल रहा है. इसी मामले में न्यायाधीश ने जवाहर साह को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है.
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