Bagaha Court: पत्नी की हत्या में सीआरपीएफ जवान को मिली उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने कहा-आपने रिश्ते को कलंकित किया

Bagaha Court: बेडरूम में बीवी की बेरहमी से हत्या के आरोपित सीआरपीएफ के जवान को दोषी पाते हुए जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट ने शुक्रवार को इस्माइल अंसारी को भादंसं की धारा 302 के तहत उम्रकैद एवं एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा दी. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर उसे छह माह की कठोर कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

By Radheshyam Kushwaha | July 11, 2025 9:51 PM
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Bagaha Court: बगहा कोर्ट ने पत्नी की हत्या करने के मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने आरोपित सीआरपीएफ के जवान से कहा कि आपने निर्दयता के साथ अपनी बीवी की हत्या की. रिश्ते को कलंकित किया. आपकी सजा माफी के लायक नहीं. इस केस में लगभग साक्षियों के पलटने के बावजूद कोर्ट को डॉक्टर की गवाही व पोस्टमार्टम में पर्याप्त साक्ष्य मिला. पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अशोक कुमार तिवारी, आईओ विजय प्रसाद राय, महेश कुमार, सिम्पी कुमारी की बयान सजा तक पहुंचा दिए. कोर्ट का यह फैसला घटना के 13 वें महीने में आ गया है.

पति-पत्नी के दांपत्य रिश्ते को कलंकित किया

अभियोजन की ओर से जितेंद्र भारती ने कोर्ट से कहा कि अभियुक्त ने न केवल पति-पत्नी के बीच विश्वास के रिश्ते का भरोसे का कत्ल किया है. भारतीय मुस्लिम परंपरा में निकाह जैसे पवित्र रिश्ते, जिसमें पति अपनी पत्नी के मान-सम्मान, पालन-पोषण, रक्षा का वचन देता है, किंतु इस मामले में रक्षक ही भक्षक बन गया. अभियुक्त पति ने रास्ते से हटाने के लिए अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी. इसके बाद हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए यथासंभव प्रयास किया. इस अपराध में अपराधी यही है, इसने मुख्य अभिकर्ता के रूप में कार्य किया है. इसने निकाह जैसे संस्कार, परिवार जैसी संस्था, पति-पत्नी के दांपत्य रिश्ते को कलंकित किया है. ऐसा व्यक्ति समाज के लिए खतरा है. इसे कठोर से कठोर सजा दी जाए.

सेना का जवान है आरोपित

बचाव पक्ष के अधिवक्ता आदित्य गिरी ने कहा कि इस्माइल अंसारी भारतीय सेना में सिपाही के पद पर कार्यरत था. इस मुकदमे के कारण वह निलंबित हो गया है. वह परिवार के जीवन यापन में सहयोग करता था. अभियुक्त को एक बच्चा है. इस्माइल अंसारी 29 जून 2024 से आज तक न्यायिक अभिरक्षा में रह रहा है. वह बेकसूर है.

बच्चे की परवरिश के लिए सरकार को आदेश

कोर्ट ने कहा कि केस के ट्रायल के दौरान न्यायालय के समक्ष यह तथ्य आया है कि अभियुक्त को एक छोटा बच्चा है, मां निकहत परवीन की हत्या हो चुकी है. अभियुक्त पिता के जेल में रहने से बच्चे का पालन-पोषण प्रभावित हो सकता है. न्यायालय जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक प. चंपारण को यह निर्देश देती है कि एक माह के अंदर मृतका निकहत परवीन एवं अभियुक्त इस्माइल अंसारी के पुत्र को बिहार सरकार की स्पॉन्सरशिप योजना में, जिसमें बच्चे को वित्तीय सहायता के रूप में चार हजार रुपये मासिक प्रदान की जाती है, नामांकित करते हुए इस योजना का लाभ तत्काल बच्चे को प्रदान करें. आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी दी जाए. ताकि बच्चे को बिहार सरकार की उपरोक्त योजना का लाभ मिल सके, यह सुनिश्चित किया जा सके.

कोर्ट में आकर पलटते ये गवाह

औलाद मियां, रईस आलम, शकील अंसारी, मुन्ना मियां, नेहाल अहमद, नुरूल होदा अंसारी, अजिमुल्लाह अंसारी, रूबी खातून, आसिया खातून, अरविंद कुमार, रुकसाना बेगम, हफीजुल्लाह अंसारी पक्षद्रोही हो चुके हैं. ये लोग कांड से मुकर गए.

बेडरूम में पड़ा था निकहत परवीन का शव

28 जून 2024 की शाम 4 बजे निकहत ने फोन कर अपने पिता हफीजुल्लाह अंसारी को बताया कि सभी मिलकर काफी प्रताड़ित कर रहे हैं. गाड़ी से परिवार के सदस्यों के साथ करीब 7:30 बजे रात में बेटी के घर आए तो देखा कि पुत्री अपने कमरे में पलंग पर मृत पड़ी थी. गले में रस्सी थी, कपड़े से कसने के कारण गर्दन में काला निशान पड़ा था. दहेज में कार व ज्वेलरी के लिए प्रताड़ना की शिकार निकहत परवीन बनी थी.

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