–धूप व वर्षा में टिन शेड की गर्म व टपकती छत समेत कीचड़मय परिसर से बाधित माहौल चनपटिया . प्रखंड के भैंसही गांव स्थित एक प्राथमिक विद्यालय की बदहाल स्थिति शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करती है. पिछले कई वर्षों से यह सरकारी विद्यालय टिन शेड के नीचे संचालित हो रहा है, जहां करीब 80-85 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और सात शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं. विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच यह स्कूल बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. न पक्की बिल्डिंग है, न पर्याप्त बेंच-डेस्क हैं. गर्मी के इस मौसम में टिन की छत के नीचे पढ़ाई करना बच्चों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है. अलग-अलग जर्जर कमरे में टिन शेड के नीचे कक्षा 1 से 5 के बच्चों को पढ़ाया जाता है. पर्याप्त बेंच-डेस्क नहीं होने के कारण कई बच्चे जमीन पर दरी बिछाकर बैठते हैं. 40 से 42 डिग्री तापमान में गर्म टिन की छत के नीचे बच्चे पसीने से तरबतर रहते हैं. बारिश के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है. टपकती छत और कीचड़ भरा परिसर शिक्षा में और बाधा डालता है. प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक शालिनी कुमारी ने बताया कि विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की घोर आभाव है. पूर्व प्रधानाध्यापक सुशीला कुमारी के द्वारा कई बार विभाग को पत्राचार कर अवगत कराया जा चुका है, बावजूद अभी तक भवन निर्माण नहीं हुआ है. बच्चों की समुचित पढ़ाई के लिए भवन बेहद जरुरी है. इस सम्बन्ध में प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लोकेश कुमार झा ने बताया कि विद्यालयों मे भवन का निर्माण राज्य स्तर से होता है. शिक्षा विभाग के पोर्टल पर प्राथमिक विद्यालय भैसही के जर्जर भवन की समस्या को अपलोड किया जा चुका है. उम्मीद है निविदा के पश्चात शीघ्र ही भवन निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा.
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