वाल्मीकिनगर. लव कुश की जन्म स्थली और महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली वाल्मीकिनगर में गुरुवार को नारायणी गंडकी की पवित्र पावन जल में गंगा दशहरा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. वाल्मीकिनगर में अहले सुबह से ही क्षेत्र के आसपास सहित थरुहट क्षेत्र और दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने नारायणी गंडकी में डुबकी लगाकर दान पुण्य किया. गंगा दशहरा का महत्व पं. कामेश्वर तिवारी की मानें तो गंगा दशहरा हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर वर्ष जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष को दशमी के दिन मनाया जाता है. जो कि इस बार गुरुवार पांच जून को मनाया जा रहा है. आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार दशमी के दिन ही मां गंगा राजा भगीरथ के कठोर तपस्या के उपरांत स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी. इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. गंगा दशहरा के दिन गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान ध्यान कर दान पुण्य करने से मनुष्य का पाप का नाश होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. लव कुश घाट में राधा कृष्ण मंदिर परिसर में भक्त सीताराम और अन्य भक्तों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया. जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं है पूजा अर्चना के उपरांत प्रसाद ग्रहण किया.
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