मदनपुर-पनियहवा मार्ग पर छह किमी में बने 100 से भी अधिक गड्ढे, राहगीरों को हो रही परेशानी

बिहार-उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली एनएच 727 बी मदनपुर-पनियहवा सड़क इस वर्ष शुरुआत की कम ही बारिश में जर्जर हो गयी है.

By SATISH KUMAR | June 20, 2025 5:31 PM
feature

हरनाटांड़. बिहार-उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली एनएच 727 बी मदनपुर-पनियहवा सड़क इस वर्ष शुरुआत की कम ही बारिश में जर्जर हो गयी है. सड़क का हाल यह है कि लोग जान हथेली पर रख कर अपने आवश्यक कार्य के लिए आवागमन कर रहे है. खास कर दो पहिया वाहन चालकों की और भी हालात खराब हो जा रही है. सड़क की हालत देख लोग इसे सड़क नहीं तालाब कहना ज्यादा मुनासिब समझ रहे है. 6 किमी का सफर करने में लोगों को करीब एक घंटा का समय लग जा रहा है. वहीं अगर संभल कर नहीं चले तो दुर्घटना होने में देर नहीं लगेगी. बता दें कि पिपरासी प्रखंड के साथ सीमावर्ती यूपी के कुशीनगर, महाराजगंज, गोरखपुर आदि जिलों के लोगों को नेपाल सहित बगहा, बेतिया व थरुहट की राजधानी हरनाटांड़ आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है. इसी सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश से भी पर्यटक भ्रमण के लिए आते जाते हैं. इसको देखते हुए दोनों राज्य के लोगों दो दशक से अधिक समय से इस सड़क के निर्माण की मांग कर रहे है. जनहित में सड़क निर्माण जरूरी होने के बाद भी न सरकार ही इस पर ध्यान दे रही है और ना ही जनप्रतिनिधियों में सक्रियता है. जब मदनपुर से वाल्मीकिनगर जाने के लिए जंगल के बीच में सड़क का निर्माण हो सकता है तो यह सड़क तो आंशिक रूप से जंगल होके जाता है तो इसका निर्माण क्यों नहीं सकता है. जानकारों की मानें तो रामपुर से मदनपुर मोड़ तक जो सड़क का निर्माण हुआ है उसके साथ मदनपुर मोड़ से उत्तर प्रदेश सीमा तक टेंडर हुआ था. दोनों कार्य एक साथ शुरू हुए थे. जहां मदनपुर मोड़ तक काम पूरा हो गया. वही उससे आगे का काम अधूरा ही रह गया. जब उस काम को वन विभाग ने रोका था तो वह कैसे हो गया. लोगों को कहना है कि सालिकपुर से हनुमानगढ़ी मंदिर तक रेलवे का सड़क था और रेलवे विभाग द्वारा एनएचआई को सौंप दिया है. लेकिन वीटीआर प्रशासन द्वारा बराबर सड़क निर्माण कार्य रोक दिया जा रहा है. जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ जा रही है.6 किमी की दूरी तय करने में लगता है समय

समाजसेवी राहुल वर्मा, मुन्ना मुखिया, अनमोल कुमार, पुरुषोत्तम उपाध्याय, बीडीसी हिरामन राम, भूषण राम, रामदरश राम, संतोष जायसवाल, नीतेश सिंह आदि ने बताया कि बिहार राज्य का पहला वाल्मीकि टाइगर रिजर्व होने के कारण सरकार पर्यटकों को लुभाने के लिए वाल्मीकिनगर में तरह-तरह के निर्माण कार्य करा रही है. ताकि पर्यटक इसका आनंद ले सके. जंगल सफारी से जंगली जानवरों को देख लुत्फ उठा सके लेकिन वाल्मीकिनगर जाने के लिए मार्ग की दुर्गमता को देख सैलानी जाने से कतरा रहे है.

इस संदर्भ में पूछे जाने पर वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह ने बताया कि मेरे कार्यकाल में तीन सौ से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ है. इस सड़क के निर्माण का टेंडर भी उनके प्रयास से हुआ था. वन विभाग के अड़चन के कारण निर्माण नहीं हो पा रहा है. लेकिन प्रयास जारी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां बेतिया न्यूज़ (Bettiah News) , बेतिया हिंदी समाचार (Bettiah News in Hindi), ताज़ा बेतिया समाचार (Latest Bettiah Samachar), बेतिया पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bettiah Politics News), बेतिया एजुकेशन न्यूज़ (Bettiah Education News), बेतिया मौसम न्यूज़ (Bettiah Weather News) और बेतिया क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version