बेतिया .आगामी बिहार विधानसभा आम चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी आंरभ हो गयी है. जिला मुख्यालय स्तर पर विभिन्न महत्वपूर्ण कोषांगो का गठन कर लिया गया है. मतदाता सूची का सतत पुनरीक्षण कार्य अनवरत जारी है. ऐसे में मतदाता सूची की तैयारी और संशोधन के दौरान जमीनी स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने भी सतत पुनरीक्षण कार्य में सहयोग के लिए बुथ लेबल एजेंट की नियुक्ति की प्रणाली आरंभ की. यह कार्य वर्ष 2008 से आंरभ की गयी है.बूथ स्तर के एजेंटो को संबंधित मतदान केंद्रो के बूथ स्तर के अधिकारियों के पूरक के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा विशिष्ट मतदान कें क्षेत्रों के लिए नियुक्त किया जाता है, लेकिन स्थिति यह है कि कुछेक राजनीतिक दलों को छोड़ दिया जाय तो अधिकांश राजनीतिक दलों को बीएलए (बूथ लेबल एजेंट) भी नियुक्त करने में रुचि नहीं है. विदित हो कि जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में आठ विधानसभा क्षेत्रों पर यहां एनडीए का कब्जा है. जबकि एक विधानसभा क्षेत्र पर अभी भाकपा माले का कब्जा है. यदि आंकड़ो को देखे तो अपने अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में हीं मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों ने बीएलए की नियुक्ति की है. अभी हालहीं में भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचन आयुक्त डॉ विवेक जोशी ने प.चंपारण का दो दिवसीय दौरा किया है. दौरा के क्रम में उन्होंने सीमा पर सुरक्षा के साथ हीं साथ चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों के प्रगति की समीक्षा भी की. आंकड़ो के अनुसार फिलहाल जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में 2731 मतदान केंद्र बनाये गये है. इनमें से भारतीय जनता पार्टी ने सार्वाधिक 3393, जनता दल यू ने 2285 बीएलए की नियुक्ति की है. जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने 1255, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1188 बीएलए की नियुक्ति की है. इसके इतर अन्य मान्यता प्राप्त दल फिसड्डी साबित हुए है. आंकड़ों पर गौर करें तो मान्यता प्राप्त दलों में बसपा ने शुन्य, माकपा ने शुन्य, एनपीपी ने शुन्य, एलजेपी ने शुन्य, रालोसपा ने शुन्य, सीपीआई एमएल ने 27, आप ने शुन्य एवं एलजेपी आर ने शुन्य बीएलए की निुयक्ति की है.
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