Bihar News: बिहार के बेतिया में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) से भटककर एक गेंडा रिहायशी इलाके में पहुंच गया और दो अलग-अलग स्थानों पर एक महिला समेत दो लोगों पर हमला कर दिया. इस हमले में 62 वर्षीय बुजुर्ग और 45 वर्षीय महिला गंभीर रूप से घायल हो गए. हालांकि, इस दौरान पालतू कुत्तों की बहादुरी देखने को मिली जिन्होंने अपने मालिक की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई.
गैंडे ने खेत में कर दिया हमला, कुत्तों ने दिखाई बहादुरी
पहली घटना लौरिया थाना क्षेत्र के रामपुर पोखरा टोला में हुई, जहां 62 वर्षीय उमाकांत चौधरी खेत में पानी का प्रवाह ठीक कर रहे थे. इसी दौरान, मदनपुर वन क्षेत्र से भटककर आए गैंडे ने उन पर हमला कर दिया. गेंडे ने उमाकांत चौधरी को जमीन पर गिराकर कुचलना शुरू कर दिया.
संयोगवश, उनके पालतू दो कुत्ते पास में मौजूद थे. जैसे ही गेंडे ने हमला किया, कुत्तों ने भौंककर और झपट्टा मारकर उसे डराने की कोशिश की. इस दौरान आसपास के लोग भी लाठी-डंडे लेकर दौड़ पड़े, जिससे गेंडा उमाकांत चौधरी को छोड़कर वहां से भाग गया. हालांकि, इस हमले में उमाकांत चौधरी के पैर, कमर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं.
महिला पर भी किया हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान
गैंडा आगे बढ़ते हुए रामपुर अड़गड़ना टोला पहुंचा, जहां उसने 45 वर्षीय बियाफी देवी पर हमला कर दिया. महिला खेत में काम कर रही थी तभी अचानक गेंडे ने हमला बोल दिया. गेंडे के हमले से महिला बुरी तरह घायल हो गई. स्थानीय लोगों ने शोर मचाया और लाठी-डंडे लेकर दौड़े, जिसके बाद गेंडा वहां से भाग निकला और महिला की जान बच गई.
गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने गंभीर रूप से घायल उमाकांत चौधरी और बियाफी देवी को शहरी पीएचसी बगहा-2 में भर्ती कराया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा रेफर कर दिया. चिकित्सक डॉ. विनय कुमार के अनुसार, दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है.
वन विभाग ने की टीमें तैनात, गैंडे की निगरानी जारी
घटना को लेकर वन विभाग सतर्क हो गया है. वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामनी ने बताया कि गैंडे की ट्रैकिंग के लिए वनपाल राजेश रौशन और वनरक्षी सुजीत कुमार के नेतृत्व में पांच टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार गैंडे की मूवमेंट पर नजर रख रही हैं.
वनपाल राजेश रौशन ने बताया कि यह गेंडा पहले वाल्मीकि नगर क्षेत्र में रह रहा था, लेकिन जंगल के रास्ते होते हुए मदनपुर तक पहुंच गया और फिर रिहायशी इलाकों में दाखिल हो गया. गैंडे की गतिविधियों की हर जानकारी वन अधिकारियों को दी जा रही है.
नेपाल से आया था यह गेंडा, VTR में मौजूद एक और मेहमान गेंडा
विशेषज्ञों के अनुसार, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पहले से मौजूद गेंडा नेपाल के चितवन वन क्षेत्र से शावक अवस्था में यहां आया था. इसके अलावा, VTR में एक और गेंडा मौजूद है, जिसे ‘मेहमान गेंडा’ कहा जाता है.
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निगरानी के बावजूद गैंडे का आतंक, वन विभाग पर उठे सवाल
इस घटना ने वन विभाग की सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोग दहशत में हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गैंडे को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से जंगल में वापस भेजा जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. फिलहाल, वन विभाग की टीमें गैंडे की हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं.