कोर्ट ने यह कार्रवाई अब की है जब कि इन गवाहों के खिलाफ 2018 में ही गैरजमानती वारंट जारी हुआ था. बावजूद इसके वें हाजिर नहीं हुए. ऐसे में कोर्ट में बगहा एसपी को आदेशित किया है कि इन तीनों साक्षियों को गिरफ्तार कर पेश किया जाय.
कोर्ट से की ये मांग
मामला वर्ष 2011 में हुए डब्लू राम उर्फ डेबा की हत्या से जुड़ा हुआ है. मामले में पुलिस ने डेबा की पत्नी मुमताज देवी के आवेदन पर चुन्नु डोम समेत अन्य के खिलाफ हत्या की एफआईआर की गई थी. इसी मामले में कुल नौ साक्षियों में से अब तक महज तीन साक्षियों का साक्ष्य ही कोर्ट में प्रस्तुत हो सका है. जबकि केस के आइओ रहे अतानु दत्ता, अमरेश कुमार सिंह तथा पोस्टमार्टम करने वाले बगहा अस्पताल के एसडीएस डॉ एके तिवारी का साक्ष्य अब तक नहीं हो सका है.
मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इन गवाहों के नहीं आने के चलते अभियोजन साक्ष्य का अवसर समाप्त करने की मांग की. जबकि अभियोजन पदाधिकारी जितेन्द्र भारती ने कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए साक्ष्य के लिए एक और अवसर देने की मांग कोर्ट से की.
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तीन साल बाद भी वारंट का तामिला नहीं करा सकी पुलिस
कोर्ट ने जारी आदेश में कहा है कि सीतामढ़ी पुलिस बल में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर पदस्थापित सह केस के अनुसंधानकर्ता अतानु दत्ता, एक अन्य पुलिस साक्षी अमरेश कुमार सिंह व चिकित्सक एके तिवारी के विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र जो पूर्व मे निर्गत किया जा चुका है कि तामिला संबंधी रिपोर्ट 2022 में ही न्यायालय द्वारा मांग की गई थी.
इन तीन वर्षों में पुलिस द्वारा किस परिस्थिति में निर्गत गैर जमानतीय अधिपत्र की तामिला रिर्पोट प्रस्तुत नही की गई. इस बारे में बगहा एसपी से कारणपृच्छा करें. साथ ही पुलिस अधीक्षक बगहा को निर्देश दिया जाता है कि वें अपने स्तर से न्यायालय द्वारा निर्गत एनबीडब्लू की तामिला सुनिश्चित करते हुये तीनों गवाहों की गिरफ्तारी सुनश्चित करते हुए कोर्ट में हाजिर कराये.
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