बेतिया. जिले के डिग्री कॉलेजों में दशकों से जारी वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई पूर्ववत जारी रखना अब केवल स्पॉट एडमिशन आदेश के भरोसे ही दिख रहा है. पहली बार विश्वविद्यालय स्तर से आयोजित केंद्रीयकृत चयन परीक्षा के आधार जारी पहली और दूसरी चयन सूची के अनुसार नामांकन के लिए निर्धारित अंतिम तिथि बीत जाने के बावजूद 50 प्रतिशत से भी कम नामांकन हो पाया है. वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए निर्धारित समय सीमा समाप्त हो जाने नगर के दोनों प्रमुख डिग्री कॉलेजों में अब घोषित रूप से स्पॉट एडमिशन के लिए आदेश जारी होने की प्रतिक्षा लंबी होने के साथ बेचैनी बढ़ने लगी है. विश्वविद्यालय द्वारा वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए ली गई केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद जो प्रथम और दूसरी चयन सूची कॉलेजों में भेजी गई है इसमें काफी कम संख्या में छात्र-छात्राओं का चयन हो पाया है. नगर के एमजेके कॉलेज में बीबीए, बीसीए, बायोटेक और सीएनडी के प्रत्येक में स्वीकृत 50- 50 सीटों के बावजूद काफी कम विद्यार्थियों का चयन किया गया है. एमजेके कॉलेज के बीबीए के कोऑर्डिनेटर डाॅ.राजेश कुमार चंदेल ने बताया कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार व्यवसायिक कोर्स में महाविद्यालय अपने स्तर से नामांकन लेते थे. जिससे सभी सीटें भर जाया करती थी.पहली सूची से भी काम छात्र छात्राओं में बीसीए और बीबीए में चयन की संख्या काफी कम रही है.अब तीसरी कटऑफ निकलने या ऑन स्पॉट एडमिशन का आदेश जारी होने का इंतजार है.वही राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो डॉ अभय कुमार बताते हैं कि जिला के सैकड़ों विद्यार्थियों को बीते करीब डेढ़ दशक से जिला मुख्यालय के दोनों प्रमुख कालेजों में संचालित वोकेशनल कोर्स के करीब आधे दर्जन उपयोगी और रोजगार परक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई सुविधा पूर्वक सम्पन्न होती रही है. अबकी बार की बदली व्यवस्था कई कोर्सों के बंद होने का खतरा लगने लगा है. पश्चिम चंपारण जैसे पिछड़े जिला के सैकड़ों इच्छुक विद्यार्थियों के लिए विश्वद्यालय प्रशासन को सकारात्मक रूप से सोच बनाते हुए निर्धारित सीट के अनुरूप नामांकन की पहल तत्काल करनी चाहिए.
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