ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ लेने में बुरे फंसे डेढ़ दर्जन शिक्षक- शिक्षिकाएं

दशकों वर्षों और महीनों पूर्व से अपने असहज पदस्थापन के विरुद्ध विभाग से मिले "ऐच्छिक स्थानांतरण " के अधिकार का लाभ लेने में डेढ़ दर्जन शिक्षक- शिक्षिकाएं बुरी फंसी हैं.

By SATISH KUMAR | July 15, 2025 8:59 PM
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रवि ””””रंक””””, बेतिया

दशकों वर्षों और महीनों पूर्व से अपने असहज पदस्थापन के विरुद्ध विभाग से मिले “ऐच्छिक स्थानांतरण ” के अधिकार का लाभ लेने में डेढ़ दर्जन शिक्षक- शिक्षिकाएं बुरी फंसी हैं. ई.शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड अपने आवेदन और नियम के विरुद्ध विभाग स्तर पर किए गए तकनीकी चूक के कारण इन सरकारी शिक्षक शिक्षिकाओं का नया पदस्थापन मदरसा और सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में कर दिया गया है.

बीते माह किए गए ऐसे हैरतअंगेज तबादले के बाद मदरसा और सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के प्रबंध समितियों ने इनका तबादला विहित व्यवस्था के विरुद्ध बता कर इनका योगदान लेने से इनकार दिया था. इनसे पीड़ित शिक्षिका पूजा कुमारी और फरहान परवीन, कुमारी इंद्रवती यादव,प्रीति कुमारी समेत अनेक ने बताया कि हम सभी ने जून के अंतिम सप्ताह में ही विभाग स्तर से हुई तकनीकी चूक की लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर ई.शिक्षा कोष पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर दी है. तब से अब तक हम और हमारे परिजन जिला शिक्षा कार्यालय से लेकर पटना सचिवालय स्थित विभागीय कार्यालय का कई चक्कर लगा ने के बावजूद विभाग द्वारा अपनी गलती का दो सप्ताह बाद भी कोई सुधार नहीं करने से हमारी हालत खराब हो गई है. पीड़ित मोहम्मद असलम,मो. खुर्शीद आलम, अजीत कुमार, रमेश कुमार साह,अजय कुमार तिवारी,अंजू राज आदि ने बताया पटना सचिवालय में प्रारंभिक दिनों में हंगामा के बाद से पटना के कार्यालय हम जैसों के घुसने तक पर रोक लगा दी गई है.समाचार माध्यमों से और मुख्य अतिथि महोदय तक द्वारा विसंगतियों का जिला स्तर से सुधार की बात अनेकों बार कही गई है.जबकि विभाग को सुधार की अनुशंसा भेज देने का हवाला देकर डीपीओ डीईओ का कहना है कि ऑनलाइन पोस्टिंग में सुधार का लॉगिंग आईडी या पासवर्ड जिला स्तर पर उपलब्ध ही नहीं कराया गया है, तो जिला स्तर से सुधार कैसे संभव है.

सभी जिलों में है ऐसी स्थिति: आफाक

सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद आफाक अहमद जिला शिक्षा कार्यालय की अनुशंसा के 12 दिन बाद भी सुधार नहीं होने और पीड़ितों की कही भी सुनवाई नहीं होने पर बेहद पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी पीड़ा केवल हमारे गृह जिले में ही नहीं है. हमारे सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पांचों जिलों के साथ पूरे बिहार में है. ऐसी स्थिति उजागर होने के दो सप्ताह बाद भी हमारे पीड़ित शिक्षक भाई बहन तनाव और हताशा में हैं. वे इस शर्मनाक स्थिति को लेकर संबंधित अधिकारी और शिक्षा मंत्री महोदय से भी बात कर रहे हैं.

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