सोनू को गोलियों से छलनी करने के बाद ””””””””हैवान”””””””” बन गया था सर्वजीत – पुलिस बैरक की छत पर चढ़ लहरा रहा था रायफल, दूसरे को खोजकर गोली मारने की देता रहा धमकी – सोनू को मारी गई इै 12 गोलियां, बैरक में बह रहा था खून – आधी रात में गोलियों की तडतड़ाहट से थर्रा उठा पुलिस केंद्र का इलाका Bettiah : बेतिया. घड़ी में शनिवार को रात करीब 10.30 बजे थे. दिनभर की ड्यूटी से थके हारे पहुंचे सिपाही के जवान अपने अपने बैरक में सोने पहुंचे थे. कोई खाना खाने के बाद बाहर फिल्ड में टहल रहा था तो कई जवान खाना खाने के बाद अपनी रात्रि गश्ती की ड्यूटी में जाने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी दौरान अचानक गोलियों की तड़तड़हाट से पुलिस केंद्र थर्रा उठा. एक-एक करके दर्जनभर गोलियां चली. पहले तो कई जवानों को तो लगा कि शादी ब्याह के मौसम में आतिशबाजी हो रही है, लेकिन एक दो फायरिंग के बाद उन्हें समझते देर नहीं लगी कि यह गोलियों की आवाज है, जो पुलिस बैरक नंबर चार की ओर से आ रही है. बाहर फील्ड में टहल रहे जवान बैरक की ओर जाने लगे तो बैरक से कई जवान उतरकर भाग रहे थे. इस अफरातफरी में सभी के कदम मानों ठिठक गये. जो जहां था, वहीं से भागने लगा. पता चला कि बैरक नंबर 4 के उपरी तल पर सिपाही सर्वजीत ने अपने साथी सिपाही सोनू को गोलियों से छलनी कर दिया है और किसी दूसरे को मारने के लिए खोज रहा है. इसी बीच सर्वजीत बैरक की छत पर चढ़ गया और रायफल लहराने लगा. इसे देख पुलिस केंद्र में अफरातफरी मच गई. जान बचाने के लिए सिपाही भागने लगे. वरीय पुलिस पदाधिकारी को सूचना दी गयी. सूचना पर तत्काल पुलिस उपाधीक्षक रक्षित देवानंद राउत अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों को सूचना देते हुए घटनास्थल की ओर रवाना हुए. तभी यह बात डीआइजी तक पहुंच गयी और सभी घटनास्थल की ओर गये. इतने में किसी तरह से मशक्कत कर वरीय अधिकारियों ने हमलावर सर्वजीत को अपने कब्जे में कर रखा था. मुफस्सिल पुलिस के आने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया गया. रात में पुलिस ने एफएसएल की टीम को बुलाकर घटनास्थल का मुआयना करवाया और मामले की तहकीकात में जुट गये. रात भर पुलिस केंद्र से लेकर अस्पताल तक पुलिस जवानों एवं पुलिस पदाधिकारियों की आवाजाही लगी रही. एक ही साथ बहाल हुए थे सोनू एवं सर्वजीत, थे जिगरी दोस्त वर्ष 2013 में ही सिपाही सोनू एवं हमलावर सर्वजीत एक साथ ही मोतिहारी जिला बल में बहाल हुए थे. संयोगवश दोनो का ब्रॉस नंबर भी आगे पीछे था. प्रायः उसी समय से दोनों एक जिगरी दोस्त की तरह रहते थे. दोनों का एक ही साथ जिला स्थानांतरण में बेतिया स्थानांतरण हुआ. करीब करीब दोनों एक ही साथ विभिन्न थानों में या कहीं भी ड्यूटी पर तैनात रहे. दो दिन पूर्व ही दोनो सिकटा थाना से वापस पुलिस केंद्र आये थे और अभी उन्हें स्थायी बैरक भी अलॉट नहीं हुआ था. तत्कालिक रूप से वें बैरक चार के उपरी तल पर थे, लेकिन शनिवार की रात अचानक सर्वजीत के दिमाग में क्या घूम रहा था कि उसने ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे सोनू पर गोलियों की बौछार कर दी. पुलिस केंद्र में चल रही चर्चा के अनुसार सोनू या अन्य सिपाही कभी कभार सर्वजीत से हस्सी ठिठोली कर लेते थे. मित्रवत व्यवहार में कोई कुछ कहा देता था. पत्नी से सोनू के संबंधों को लेकर सर्वजीत को था शक हमलावर सिपाही सर्वजीत थोड़ा गरम मिजाज का बताया जा रहा है. एक बार उसने अपने एक अन्य सहपाठी को दांतो से काट लिया था. हालांकि उसकी शिकायत उसने किसी से नहीं की थी, लेकिन गाहे बेगाहे सर्वजीत का रवैया अन्य साथिंयो से रुखा सा था. चर्चा के अनुसार सर्वजीत को संदेह था कि सोनू उसकी पत्नी से बातचीत करता है, जो उसे नागवार गुजर रही थी. घटना के बाद सर्वजीत ने इस बात को स्वीकार भी किया है. पुलिस ने भी माना है कि दोनों के बीच आपसी रंजिश थी. जिसके कारण सर्वजीत ने सोनू को मौत के घाट उतारा है. जबकि सोनू की पत्नी स्वयं पटना जिला में वन विभाग में वन रक्षी के पद पर कार्यरत है. सोनू तीन भाइयों में से मझंला है. बड़े भाई शिक्षक हैं. जबकि छोटा स्नातक कर नौकरी की तलाश में है. अस्पताल पहुंचे सोनू के छोटे भाई से जब यह बात की गयी कि सर्वजीत का कहना है कि सोनू उसकी पत्नी से बातचीत करता था तो उसने स्पष्ट रूप से कहा कि मेरे भैया सोनू का किसी से कोई संबंध नहीं हो सकता. कारण कि भैया और भाभी में काफी प्रेम था. दोनो से दो बच्चियां भी है. ऐसे में अपनी पत्नी को छोड़ किसी और की पत्नी से संपर्क रखना कतई स्वीकार्य नहीं है. फिलहाल उसने पुलिस पदाधिकारियों पर विश्वास जताते हुए इसमें न्याय मिलने की उम्मीद जतायी. मृत सिपाही को दी गयी अंतिम विदाई बेतिया . स्थानीय पुलिस लाइन में अपने ही साथी के गोलियों का शिकार बने सिपाही सोनू कुमार को अंतिम विदाई दी गयी. पोस्टर्माटम के बाद सिपाही सोनू कुमार के शव को पुलिस केंद्र लाया गया. जहां चंपारण रेंज के डीआइजी हरकिशोर राय, पुलिस उपाधीक्षक रक्षित देवानंद राउत, एसडीपीओ सदर वन विवेक कुमार दीप के अलावे पुलिस परिवार के अन्य सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी. तत्पश्चात उनके शव को पैतृक गांव परिजनों के साथ भेज दिया गया.
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