बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता
डीएम अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान मौसम की स्थिति बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती है. हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं गर्मी में तेजी से बढ़ती हैं. इस स्थिति में नौनिहालों को सुरक्षित रखने के लिए यह फैसला एक सतर्क कदम है. सभी विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को पुनर्निर्धारित करें ताकि पढ़ाई पर ज्यादा असर न पड़े.
अभिभावकों के लिए सुझाव जारी
प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु माता-पिता और अभिभावकों के लिए विशेष सलाह जारी की है:
- धूप से बचाव: बच्चों को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक घर के भीतर ही रखें.
- पर्याप्त पानी दें: बच्चों को बार-बार पानी, नींबू पानी, शर्बत या ओआरएस दें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
- संतुलित आहार: बच्चों को हल्का, ताजा और सुपाच्य भोजन दें. तले-भुने खाने से परहेज करें. फल जैसे तरबूज, आम, खीरा आदि लाभकारी होंगे.
- घर में ठंडक बनाए रखें: पंखा, कूलर, खिड़कियों से हवा का संचालन करें ताकि घर हवादार बना रहे.
- लक्षणों पर सतर्क रहें: अगर बच्चों को अत्यधिक पसीना, सिरदर्द, चक्कर, थकान या उल्टी हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.
सावधानी ही बचाव
प्रशासन ने अपील की है कि लोग आदेश का पालन करें और इस गंभीर मौसम के दौर में बच्चों की सेहत को सर्वोपरि रखें. स्कूलों में समयबद्ध कक्षाएं चलाकर और घरों में विशेष ध्यान रखकर ही इस संकट से बचा जा सकता है. यह फैसला अस्थायी है लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण कदम है.
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