बक्सर . गंगा के बढ़ते जलस्तर ने बक्सर में भी बाढ़ की चेतावनी दे दी है. क्योंकि गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल को पार कर अब लाल निशान की ओर बढ़ने लगा है. पानी में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते गंगा के तटीय इलाके के लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं. शहर का रामरेखाघाट पानी में डूबने के कारण वहां बने विवाह मंडपों से संपर्क भंग हो गए हैं और नाले से होकर पानी निचले इलाके में प्रवेश कर गया है. श्मशान घाट स्थित मुक्ति धाम के जलमग्न होने से शव दाह के लिए वहां जगह तलाशना मुश्किल हो गया है. सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर के दियारा क्षेत्रों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. जिला जन संपर्क विभाग की ओर जारी सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को क्रॉस कर 59.59 मीटर हो गया है. जो खतरे का निशान 60.32 मीटर से मात्र 73 सेंटीमीटर कम है और गंगा नदी का जल स्तर 02 सेंटीमीटर प्रति घंटा के हिसाब से बढ़ रहा था. बाढ़ को लेकर डीएम ने कराया सतर्क जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला पदाधिकारी डॉ.विद्या नंद सिंह ने शुक्रवार को रामरेखाघाट पर पहुंचकर वहां की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान सदर अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार समेत अन्य पदाधिकारी भी उनके साथ थे. बढ़ते जल स्तर एवं आगामी सावन की सोमवारी को देखते हुए जिला पदाधिकारी द्वारा प्रशासन को सतर्क रहने का निदेश दिया गया. बक्सर नगर परिषद के ईओ मनीष कुमार को सभी प्रमुख घाटों पर मजबूत बैरिकेडिंग कराने व साइनेज के साथ खतरे का लाल झंडी लगाने के साथ ही शहर के प्रमुख नालों की पर्याप्त साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जिम्मेवारी सौंपी गई. वही प्रमुख घाटों पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने की जवाबदेही एसडीओ को दी गई. इसी तरह जिला आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी कुमार नचिकेता को रामरेखा घाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर एसडीआरएफ टीम को विशेष तौर पर तैनात करने हेतु आवश्यक कदम उठाने को कहा गया. इस क्रम में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को बक्सर-कोईलवर तटबंध की पूर्ण सुरक्षा की व्यवस्था करने तथा इसके लिए जरूरी संसाधनों के साथ सभी उपाय करने के निर्देश दिए गए. गंगा में नाव परिचालन पर लगी रोक बाढ़ की हालात को देखते हुए डीएम ने गंगा में नावों के परिचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है. नाव परिचालन पर पूर्णत: रोक लगाने का निदेश देते हुए डीएम ने निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों को दिया है. ऐसे में नौका परिचालन करने वाले नाविकों को पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बाढ़ से पूर्व की तैयारियां मुकम्मल बाढ पूर्व तैयारियों के अंतर्गत चिन्हित किए गए आश्रय स्थल, सम्पूर्ति पोर्टल का अद्यतीकरण, सामुदायिक किचेन, पेयजल, पशुओं के लिए चारा आदि एवं मानव एवं पशु के लिए सभी आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर ली गई है. इसकी जानकारी देते हुए डीएम ने बाढ़ को लेकर जिले वासियों को सजग कराते हुए नदी में स्नान आदि करने से परहेज करने तथा बच्चों को नदी के तट पर न जाने देने का अनुरोध किया है. तैयारी मुकम्मल होने का दावा करते हुए डीएम ने बताया कि एसडीओ व सीओ को बाढ़ संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने की हिदायत दी गई है.
संबंधित खबर
और खबरें