डुमरांव. हर दिन लाखों रुपये राजस्व देने वाला टूड़ीगंज रेलवे स्टेशन बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. दानापुर रेलमंडल के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन की हालत ऐसी है कि यात्रियों को यहां कदम-कदम पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आसपास के दर्जनों गांवों से आने वाले लोग इस स्टेशन से नियमित रूप से यात्रा करते हैं, लेकिन उनकी सुविधा के नाम पर कुछ भी ठोस व्यवस्था मौजूद नहीं है. स्टेशन पर सबसे बड़ी समस्या प्लेटफॉर्म के पक्कीकरण की है. अब तक पूरी तरह से पक्कीकरण नहीं हो पाया है, जिससे बरसात के मौसम में अप और डाउन दोनों प्लेटफॉर्म पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है. इस जलभराव के कारण यात्रियों को फिसलने का डर बना रहता है. खासकर वृद्ध, महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. स्वच्छता और शौचालय की व्यवस्था भी चिंताजनक है. एक ओर जहां सरकार ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत खुले में शौच पर रोक लगाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर विभिन्न अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर टूड़ीगंज जैसे सार्वजनिक स्टेशन पर यात्री खुले में शौच के लिए मजबूर हैं. स्टेशन पर बने शौचालयों की हालत दयनीय है. खासकर डाउन प्लेटफॉर्म पर बने शौचालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है और नियमित सफाई भी नहीं होती. बदबू और गंदगी के कारण वहां से गुजरना भी मुश्किल होता है, जिसके प्रति अब तक रेलवे ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. न तो प्लेटफॉर्म की मरम्मत हुई और न ही शौचालय की स्थिति में कोई सुधार आया. बच्चों और महिलाओं के लिए इस स्थिति में और भी परेशानी होती है. हाल ही में रेलवे द्वारा ट्रैक पर पड़े पुरानी गिट्टियों को बदला गया, लेकिन सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि पुरानी गिट्टियों को हटाकर उन्हें प्लेटफॉर्म पर ही बिखेर दिया गया. अब ये गिट्टियां यात्रियों के लिए खतरनाक बन गयी हैं. प्लेटफॉर्म पर चलते वक्त अगर कोई यात्री थोड़ी-सी भी लापरवाही कर दे, तो वह आसानी से फिसल सकता है या गिर सकता है. यात्रियों का कहना है कि न तो प्लेटफॉर्म को समतल किया गया और न ही गिट्टियों को हटाया गया. दूसरी ओर डाउन प्लेटफॉर्म पर बना शौचालय कभी साफ नहीं किया जाता और बदबू के कारण यात्री वहां से गुजरने से भी घबराते हैं. दैनिक यात्री विजय सिंह, सोनू यादव, मनोज प्रसाद का कहना है कि जब यह स्टेशन प्रतिदिन इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों को सेवा देता है और रेलवे को लाखों का राजस्व पहुंचाता है, तो यहां बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं मुहैया करायी जा रही है.
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