बक्सर. जिले के सरकारी कार्यालयों पर कुल 19 करोड़ 79 लाख 86 हजार रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है. बकायेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है. बकाया की राशि पिछले कई वर्षों से है. सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि स्मार्ट मीटर लगाने के बावजूद सरकारी कार्यालयों की ओर से बिजली बिल जमा करने में रुचि नहीं दिखाई जा रही है. इससे बिजली विभाग के राजस्व पर बड़ा असर पड़ रहा है. बिजली विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों, अस्पतालों, पंचायत भवनों, ब्लॉक और अन्य सरकारी संस्थानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं. इसके बावजूद समय पर रिचार्ज या बिल भुगतान नहीं होने से मीटर में बकाया बढ़ता जा रहा है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता सूर्य प्रकाश सिंह ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने से पारदर्शिता बढ़ी है और हर उपभोक्ता का वास्तविक खपत के अनुसार बिल देना पड रहा है. लेकिन सरकारी विभागों की लापरवाही से स्थिति उल्टी हो गयी है. पहले पुराने मीटर में बिलिंग अनुमानित खपत पर होती थी, जिससे बकाया कम दिखता था. स्मार्ट मीटर से सही खपत का आकलन हो रहा है और बकाया का आंकड़ा भी स्पष्ट दिखने लगा है. उन्होंने बताया कि कई सरकारी कार्यालयों में बिजली का बिल 1 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक है. बिजली विभाग ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सरकारी विभागों से जल्द से जल्द बकाया भुगतान कराने का अनुरोध किया है. विभाग का कहना है कि राजस्व संग्रहण सही नहीं होने से मेंटेनेंस और नए विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि समय पर भुगतान नहीं होने की स्थिति में विभाग को मजबूर होकर सरकारी कनेक्शनों की बिजली काटनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को खपत के मुताबिक सटीक बिल देना और राजस्व चोरी रोकना था, लेकिन सरकारी कार्यालयों की उदासीनता से योजना के लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं. स्मार्ट मीटर में प्रीपेड सुविधा होने के बावजूद समय पर रिचार्ज नहीं कराया जा रहा है, जिससे मीटर में जमा राशि खत्म होने पर बिजली अपने आप बंद हो जाती है और कामकाज रुक जाता है. बिजली विभाग ने सभी सरकारी विभागों से आग्रह किया गया है कि बकाया जल्द जमा नहीं किया गया तो विभाग सख्त कार्रवाई करेगा. इसके लिए अभियान चलाकर बड़े बकायेदार कार्यालयों की बिजली काटने का विकल्प भी खुला रखा गया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगर समय रहते बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ तो विभाग को करोड़ों रुपये के नुकसान के साथ-साथ उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सप्लाई देने में भी दिक्कत आयेगी. इससे जिले के विकास कार्यों पर भी असर पड़ेगा. बोले अधिकारी जिस विभाग पर बकाया है. उन विभाग को बिल भेजा जा रहा है. बिल के साथ अनुरोध किया जा रहा है कि जल्द-जल्द बिल जमा कर दें. सूर्य प्रकाश सिंह, कार्यपालक अभियंता, बिजली विभाग किस विभाग के कितने भवन पर कितना है बकाया विभाग कितना भवन बकाया कृषि विभाग 14 19 लाख 45 हजार 74 रुपये पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग 9 54 हजार 597 रुपये बुडको 02 97 लाख 59 हजार 664 रुपये भवन निर्माण विभाग 03 11 लाख 75 हजार 125.93 रुपये चुनाव विभाग 02 24 हजार 340.99 रुपये पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 02-75 हजार 58.56 रुपये वित्त विभाग 01 36 हजार 285.55 रुपये खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 6 15 हजार 241.84 रुपये सामान्य प्रशासन विभाग 22 16 लाख 30 हजार 991. 13 रुपये स्वास्थ्य विभाग 176 10 लाख 69 हजार 804. 11 रुपये स्वास्थ्य शिक्षा 1 15 लाख 1 हजार 273. 82 रुपये उच्च शिक्षा 7 28 हजार 320. 05 रुपये गृह जेल 3 64 हजार 499. 26 रुपये गृह पुलिस 40 36 लाख 32 हजार 366 . 7 रुपये सूचना एवं जनसंपर्क विभाग 1- 20 हजार 979.02 रुपये श्रम संसाधन विभाग 9 60 हजार 072. 31रुपये विधि विभाग 7 6 लाख 92 हजार 370. 07 रुपये लघु जल संसाधन विभाग 7 3 लाख 72 हजार 340.03 रुपये पंचायती राज विभाग 979 7 सात करोड 86 लाख 82 हजार 677. 81रुपये योजना एवं विकास विभाग 2 10 लाख 8 हजार 897. 7 रुपये प्राथमिक शिक्षा 299 12 लाख 1 हजार 263. 04 रुपये मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग 4 44 जार 788.24 रुपये लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग 72 1 करोड 76 लाख 7 हजार 488. 13 राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग 7 35 हजार 134. 64 रुपये सड़क निर्माण विभाग 1 4 लाख 9 हजार 877. 42 रुपये ग्रामीण विकास विभाग 15 49 लाख 42 हजार 444. 26 रुपये ग्रामीण निर्माण विभाग 2 8 हजार 390.02 रुपये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग 03 1 लाख 25 हजार 202. 2 रुपये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग 4 88 हजार 462.72 रुपये माध्यमिक शिक्षा 294 8 लाख 68 हजार 646. 87 रुपये समाज कल्याण विभाग 12 2 लाख 80 हजार 12. 73 रुपये नगरीय विकास एवं आवास विभाग 74 3 करोड़ 86 लाख 47 हजार 162. 08 रुपये जल संसाधन विभाग 11 2 लाख 83 हजार 27. 44 रुपये लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग 617 3 करोड़ 38 लाख 44 हजार 904. 94 रुपये
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