बक्सर. लो वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान हैं. एक तरफ मौसम का दगाबाजी जारी है तो दूसरी तरफ विद्युत विभाग के लो वोल्टेज से उपभोक्ताओं को निजात नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा प्रतिदिन एक ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत विद्युत विभाग को प्राप्त हो रहा है. साथ ही साथ बार-बार बिजली कटने से खेतों में सिंचाई का संकट उत्पन्न हो गया है. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक इस बार उमस भरी गर्मी में भी लोग लो वोल्टेज की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. बिजली की कम वोल्टेज के कारण न केवल घरेलू उपभोक्ता परेशान हैं, बल्कि किसानों की खेती-किसानी पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. इस वर्ष 30 प्रतिशत से अधिक कृषि उपभोक्ताओं की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन उसके अनुपात में पावर सबस्टेशन की क्षमता नहीं बढ़ायी गयी. नतीजा यह है कि पूरे जिले में बिजली आपूर्ति चरमराई हुई है. कभी कभी तो इतना लो वोल्टेज हो जा रहा है कि पंखा तो चलना दूर बोर्ड में लगाये गये इंडिकेटर भी नहीं जलते है. विद्युत विभाग के सूत्रों को माने तो जब तक बारिश अच्छी नहीं हो जाता है तब तक लो वोल्टेज की समस्या बनी रहेगी. क्योंकि एक साथ घरेलू काम के अलावा कृषि का काम भी चल रहा है. जानकारी के अनुसार जिले कि सभी पावर सब स्टेशन पिछले साल से ही ओवर लोड हैं. जबकि इस साल 30 प्रतिशत कृषि उपभोक्ता, के साथ साथ पांच प्रतिशत अन्य उपभोक्ताओं की भागीदारी बढ़ा हैं. लेकिन पावर सब स्टेशनों की क्षमता अभी उस मुताबिक नहीं बढाया गया है. विभागीय सूत्रों को माने तो कुछ दिन में क्षमता बढ़ जाने की उम्मीद है. 33 हजार की जगह 31 हजार एमवीए सबस्टेशन को मिल रही है बिजली : जिले में पावर ग्रिड को जहां सामान्यतः 33 हजार एमवीए वोल्टेज मिलनी चाहिए, वहां मात्र 31 हजार एमवीए वोल्टेज ही मिल रहा है. इससे पावर सबस्टेशन की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है. कई बार वोल्टेज 28 हजार एमवीए तक गिर जा रहा है. लो वोल्टेज के कारण मोटर नहीं चल पा रहे हैं, पंखे नहीं घूम रहे और इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहे. छोटे उद्योगों से लेकर आम आदमी तक, सभी बिजली की आंखमिचौली और कम वोल्टेज से परेशान हैं. जून से अब तक 40 ट्रांसफॉर्मर जले : जून माह से अब तक जिले में 40 से अधिक ट्रांसफॉर्मर जल चुके हैं. कारण अत्यधिक लोड और कम वोल्टेज. शहर के पांडे पट्टी पावर हाउस समेत ग्रामीण इलाकों में भी यही स्थिति है. अधिकारी बार-बार ट्रांसफॉर्मर बदलने में लगे हैं, लेकिन जब तक सिस्टम की क्षमता नहीं बढ़ेगी, तब तक यह सिलसिला जारी रहेगा. जिले के सबसे दलसागर फीडर है इस फीडर का तो यह स्थिति है कि पंखा तो चलना दूर की बात फोन चार्ज तक नहीं हो रहे हैं. हर पांच मिनट पर हो रहा ट्रिपिंग, घंटों की बिजली कटौती : लो वोल्टेज के कारण सबस्टेशन पर बार-बार बिजली ट्रिप कर रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि हर पांच मिनट पर बिजली चली जाती है. कहीं पंखे बंद हो जाते हैं, तो कहीं फ्रिज काम करना बंद कर देता है. विद्युत विभाग लोड सेडिंग के नाम पर घंटों बिजली काट रहा है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. कई इलाकों में तो रात भर बिजली नहीं रहने से लोग नींद पूरी नहीं कर पा रहे. जिसके वजह सबसे अधिक बच्चे की पढ़ाई प्रभावित हो रहा है. अधिकारी दे रहे सिर्फ आश्वासन, नहीं हो रही ठोस कार्रवाई : उपभोक्ताओं का कहना है कि वे कई बार बिजली विभाग से शिकायत कर चुके हैं. पावर हाउस पर जाकर अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला. कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया. विभागीय सूत्रों के अनुसार, बक्सर के कई सबस्टेशन की क्षमता पहले की तुलना में बढ़ी नहीं है. वहीं कृषि उपभोक्ताओं की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे अतिरिक्त लोड पड़ रहा है. उपभोक्ता ओमप्रकाश राम का कहना है कि मौजूदा समय में सबसे जरूरी है पावर सबस्टेशन की क्षमता का विस्तार. जब तक ट्रांसफॉर्मर और फीडर की क्षमता नहीं बढ़ाई जायेगी, तब तक लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाना मुश्किल है. साथ ही यह भी आवश्यक है कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए अलग फीडर की व्यवस्था तो लगभग कर दिया गया लेकिन जब तक वोल्टेज में सुधार नहीं होगा, तो इससे क्या फायदा. क्या कहते हैं अधिकारी ग्रिड से ही 33 हजार की जगह 31 हजार वोल्टेज प्राप्त हो रहा है. इसके वजह से लो वोल्टेज की समस्या है.. उन्होंने कहा कि सभी पावर सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाने का काम चल रहा है. मुरार, चककी, नावानगर, इटाढ़ी, ढकाईच समेत कुछ सब स्टेशन में पांच एमवीएम ट्रांसफाॅर्मर की जगह दस एमवीए का ट्रांसफार्मर लगाने का काम पूरा कर लिया गया है. बहुत जल्द ही लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिल जायेगा. सूर्य प्रकाश सिंह, कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग, बक्सर
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